डोडा, 14 सितंबर । डोडा के अस्सर इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में भारतीय सेना के 48 राष्ट्रीय राइफल्स के कैप्टन बलिदान हो गए हैं, जबकि इस दौरान चार आतंकियों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है। समाचार लिखे जाने तक आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि नहीं हो पाई थी।
सुरक्षाबलों को तलाशी अभियान के दौरान क्षेत्र में खून के धब्बे मिले हैं, जिससे माना जा रहा कि गोलीबारी में एक आतंकवादी घायल हो गया है। साथ ही गोला-बारूद, रसद सामग्री व खून से लथपथ चार बैग मिले हैं। सुरक्षा बलों ने अमेरिकी एम4 असॉल्ट राइफल बरामद की है। माना जा रहा है कि तीन आतंकवादी अस्सर जंगल में नदी के किनारे छिपे हुए हैं। अभियान जारी रहने के दौरान युद्ध जैसे सामान बरामद हुए हैं। इससे पहले मंगलवार को उधमपुर की तहसील रामनगर के डूडू बसंतगढ़ के पहाड़ी क्षेत्र में चार आतंकवादी देखे गए थे। मंगलवार को देर शाम आतंकियों की मौजूदगी पर सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान चलाया। कुछ देर आतंकियों व सुरक्षाबलों के बीच हुई गोलीबारी के बाद आतंकी भाग निकले और सियोजधार के रास्ते अस्सर होते हुए जिला डोडा की तरफ निकल गए।
विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पटनीटॉप के पास मंगलवार को अकर वन में एक संयुक्त अभियान शुरू किया था। डोडा के अस्सर इलाके में भारतीय सेना ने बुधवार सुबह तलाशी अभियान चलाया। इसी दौरान आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। भारी गोलीबारी के बीच आतंकवादियों की तलाश जारी रही। तलाशी अभियान का नेतृत्व करते हुए 48 राष्ट्रीय राइफल्स के कैप्टन दीपक सिंह ने आगे बढ़कर नेतृत्व किया। उन्होंने कल रात और आज सुबह भी आतंकवादी समूह पर गोलीबारी की। गोली लगने के बावजूद वह अपने जवानों को यथासंभव निर्देश देते रहे। इसके बाद उन्हें अस्पताल भेजा गया लेकिन इलाज के दौरान वह वीरगति को प्राप्त हो गए।
व्हाइट नाइट कोर ने एक बयान में कहा कि सभी रैंक बहादुर कैप्टन दीपक सिंह के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं, जिन्होंने अपनी चोटों के कारण दम तोड़ दिया। व्हाइट नाइट कोर गहरी संवेदना व्यक्त करता है और इस दुख की घड़ी में शोक संतप्त परिवार के साथ खड़ा है।