कोलकाता, 02 जनवरी । उत्तर दिनाजपुर के इस्लामपुर में दो लाख पाठ्य पुस्तकों की चोरी के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को तीन सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश टी. एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की डिवीजन बेंच ने गुरुवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान राज्य से इस घटना पर स्पष्टीकरण मांगा।
यह घटना 2022 में इस्लामपुर स्कूल के एसआई कार्यालय से सामने आई थी, जहां प्राथमिक स्कूलों के लिए भेजी गई दो लाख पाठ्य पुस्तकें चोरी हो गईं। आरोप है कि पुलिस ने इस मामले की जांच में लापरवाही बरती। इसको लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई, जिसमें सीबीआई जांच की मांग की गई।
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने राज्य सरकार से पूछा कि इतनी बड़ी संख्या में किताबें एक कार्यालय से कैसे चोरी हो गईं? यह कुछ किताबों का मामला नहीं है, जो साइकिल पर ले जाई जा सकती थीं। राज्य सरकार ने जवाब में कहा कि इस मामले में दो आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है और नवंबर में चार्जशीट दाखिल की गई है। साथ ही, बड़ी संख्या में किताबें भी बरामद की गई हैं।
कोर्ट की तीखी प्रतिक्रिया
राज्य के जवाब पर असंतोष जताते हुए मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि आरोपितों की गिरफ्तारी के बावजूद अब तक सभी किताबें क्यों नहीं बरामद हो सकीं? इस प्रक्रिया में दो साल बीत चुके हैं, और कितना समय लगेगा? हालांकि, चार्जशीट दाखिल होने के कारण हाईकोर्ट ने जांच में दखल देने से इनकार कर दिया। लेकिन, तीन सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है।
घटना का असर और संदर्भ
चोरी हुई इन किताबों की अनुमानित कीमत करीब तीन करोड़ रुपये बताई गई है। ये किताबें राज्य के शिक्षा विभाग द्वारा प्राथमिक विद्यालयों में निशुल्क वितरण के लिए भेजी गई थीं। इस मामले में स्थानीय निवासियों ने सीबीआई या सीआईडी जैसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच की मांग की है।