
कोलकाता, 29 अप्रैल ।कलकत्ता उच्च न्यायालय ने वरिष्ठ अधिवक्ता बिकाश रंजन भट्टाचार्य और उनके सहयोगियों के साथ भीड़ द्वारा की गई कथित बदसलूकी के मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए तीन सदस्यीय विशेष पीठ का गठन किया। इस पीठ में न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी, न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज शामिल होंगे।
मुख्य न्यायाधीश टी एस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने निर्देश दिया कि इस मामले में याचिकाएं दर्ज की जाएं और संबंधित पक्षों को नोटिस भेजा जाए। नोटिस राज्य के महाधिवक्ता, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल और हाईकोर्ट की तीन प्रमुख बार संस्थाओं—बार एसोसिएशन, बार लाइब्रेरी क्लब और इनकॉरपोरेटेड लॉ सोसायटी—के सचिवों को भेजे जाएंगे।
यह मामला संभवतः इस सप्ताह के अंत तक सुनवाई के लिए आ सकता है।
दरअसल, 25 अप्रैल को वरिष्ठ अधिवक्ता बिकाश रंजन भट्टाचार्य और उनके साथियों को हाईकोर्ट भवन के सामने स्थित उनके चैंबर के बाहर कुछ लोगों ने घेर लिया और उनके साथ अभद्र व्यवहार किया। पीड़ित अधिवक्ताओं ने कोर्ट से आग्रह किया कि वह इस मामले में पुलिस से रिपोर्ट मंगाए।
बताया गया है कि इस घटना की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई गई है। मुख्य न्यायाधीश ने भी बताया कि उन्हें 25 अप्रैल की शाम इस घटना की जानकारी दी गई थी, जिसके बाद उनके निर्देश पर हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने संबंधित क्षेत्र के डीसीपी को सूचना दी। साथ ही, राज्य के महाधिवक्ता को भी तत्काल सूचित कर हस्तक्षेप का अनुरोध किया गया।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने उसी शाम उन्हें सूचित किया कि पूरे क्षेत्र को भीड़ से खाली करा लिया गया है।
यह मामला वकीलों की सुरक्षा और न्यायिक प्रक्रिया की गरिमा से जुड़ा होने के कारण उच्च न्यायालय ने इसे गंभीरता से लिया है और स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई शुरू की है।