
रांची, 25 अगस्त । झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र का दूसरा दिन भारी हंगामे के नाम रहा। इस बीच वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी। रिपोर्ट में राज्य के राजस्व संग्रह में बड़ी बकाया राशि का खुलासा हुआ है, जिसे सरकार के लिए गंभीर चिंता का विषय माना जा रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार 31 मार्च 2024 तक राजस्व संग्रह में 84.72 करोड़ रुपये बकाया थे, जिनमें से 38.91 करोड़ रुपये पाँच साल से अधिक समय से लंबित हैं। वहीं, 7.72 करोड़ रुपये की राशि न्यायालयों और अन्य अपीलीय प्राधिकरणों में अटकी हुई है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में राजस्व प्राप्तियां पिछले वर्ष की तुलना में 9.57 प्रतिशत बढ़ीं, लेकिन यह बजट अनुमान से 10.58 प्रतिशत कम रहीं। इस दौरान राजस्व व्यय में 14.99 प्रतिशत की वृद्धि हुई, हालांकि यह बजट अनुमान से 7,999.58 करोड़ रुपये कम रहा। राज्य को इस अवधि में 11,252.08 करोड़ रुपये का राजस्व अधिशेष और 165.63 करोड़ रुपये जीएसटी मुआवजा प्राप्त हुआ।
अनुपूरक बजट पर विपक्ष का हंगामा
सत्र के दौरान सरकार द्वारा प्रस्तुत अनुपूरक बजट पर विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। भाजपा विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी और राज सिन्हा ने कटौती प्रस्ताव रखा। राज सिन्हा ने अनुपूरक बजट में 10 रुपये की प्रतीकात्मक कटौती की मांग की, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने अमान्य कर दिया। इसके बाद विपक्षी विधायकों ने जमकर नारेबाजी की और कार्यवाही को बाधित किया। हंगामे को देखते हुए अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी।
रिम्स-2 और सूर्या हांसदा एनकाउंटर का मुद्दा गरमाया
सदन की कार्यवाही दोपहर 12.30 बजे फिर शुरू हुई तो विपक्षी सदस्य नगड़ी में प्रस्तावित रिम्स-2 अस्पताल निर्माण और सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामले को लेकर फिर बेल में आ गए। हाथों में पंपलेट लेकर विपक्षी विधायक “रिम्स-2 का निर्माण वापस लो” जैसे नारे लगाने लगे। सत्ता पक्ष के विधायक भी बेल में उतर आए और विपक्ष के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
विपक्षी विधायकों ने सदन में पंपलेट फाड़कर विरोध जताया। अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी से सहयोग की अपील की, लेकिन विपक्ष पीछे नहीं हटा। अंततः कार्यवाही को दोपहर 12.30 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा।