
रामगढ़, 17 जून। पैसे वालों को ठगने के लिए बाकायदा गिरोह के रूप में अपराधी काम कर रहे हैं। रामगढ़ थाना क्षेत्र के रांची रोड, मरार निवासी एक बिजनेसमैन रविंद्र साहू को ऐसे ही एक गैंग ने अपना शिकार बनाया। पहले उन्हें फोन पर ब्लैकमेल किया और फिर उनसे 80 लाख रुपए ठग लिए। घर और परिवार के लोगों को जान से मारने की धमकी देने के कारण रविंद्र साहू न सिर्फ डर गए, बल्कि उन्होंने खुद की जान बचाने के लिए भी पैसे देना शुरू कर दिया। जब उन्हें ठगे जाने का एहसास हुआ, तब उन्होंने रामगढ़ थाने में मामला दर्ज कराया। रविंद्र ने ठगों की ओर से उपलब्ध कराए गए बैंक खातों, क्यूआर कोड, यूपीआई कोड में उन्होंने इतनी बड़ी राशि अलग-अलग तारीख में भेजी। रामगढ़ पुलिस की सक्रियता के कारण इस गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया जा सका है। इनमें आकाश कुमार, सनी रवानी और कोमल कुमारी शामिल हैं।
आकाश, सनी और कोमल के खाते में गए लाखों रुपए
रामगढ़ पुलिस जब अपराधियों को पकड़ने धनबाद पहुंची तो तीन आरोपितों को कब्जे में लिया। पुलिस ने टीना गोदाम, पश्चिमी कोयरी, बांध रोड, झरिया निवासी आकाश कुमार, मंडारीडीह, कतरास निवासी सनी कुमार उर्फ सनी रवानी, उसकी पत्नी कोमल कुमारी को पुलिस ने पकड़ा तो पूरी कहानी खुलकर सामने आई। इन तीनों के बैंक खातों में लाखों रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ था। पुलिस उनके बैंक खाते से मिले एड्रेस पर पहुंची तो अपराधी सकपका गए। सनी और उसकी पत्नी कोमल अपने मूल पते पर मौजूद नहीं थे। वे लोग बंसीलाल चौक धनबाद में किराए पर रह रहे थे। रामगढ़ पुलिस ने बेहद सटीक छापेमारी की तब यह सफलता हाथ लगी।
पैसे ठग कर बिजनेस कर रहे थे अपराधी
ठग गिरोह का शिकार हुए रविंद्र साहू ने बताया कि उनसे मोटी रकम ठगने के बाद अपराधी अपना बिजनेस बढ़ा रहे थे। उन्होंने बताया कि अनिकेत वर्मा, आकाश कुमार, सूरज कुमार साहू, कोमल कुमारी, सनी रवानी और नंदिनी साहू ने उनसे 80 लाख रुपए की ठगी की है। सभी छह आरोपितों के बैंक खातों, क्यूआर कोड और यूपीआई कोड में रविंद्र ने पैसे भेजे थे। उन्होंने पुलिस को यह भी बताया है कि उनसे ठगे गए पैसों का इन्वेस्टमेंट हरणा नामक अस्पताल में किया गया है। उन पैसों से गाड़ी, मोबाइल फोन, सोने-चांदी के जेवर तक खरीदे गए हैं। यहां तक की अपराधियों ने एक्सयूवी 300 ब्लैक कार जेएच 10 सीयू -0501 भी खरीदी है।
पहले किया कॉल, फिर करने लगे ब्लैकमेल
रविंद्र साहू को ठगने के लिए अपराधियों ने सबसे पहले उन्हें पांच मार्च को कॉल किया। यह कॉल अनिकेत ने किया था। फोन पर उसने सीधे कहा कि ‘पहचाने की नहीं। इसके बाद उसने रंगदारी वाले लहजे में उनसे बात की। उन्होंने कहा कि अब तक जो पैसे दिए हो, वह बहुत कम है, उससे काम नहीं चलेगा। अब तुम्हें रंगदारी के तौर पर एक करोड़ रूपया देना होगा। अनिकेत ने यह भी कहा कि उसने रविंद्र साहू के पूरे परिवार की कुंडली निकाल रखी है। उनकी दोनों बेटियां किस स्कूल में पढ़ती हैं, उसकी जानकारी भी उसके पास है। उसने उनकी पत्नी और बच्चियों के अपहरण की भी धमकी दी। इसके बाद रविंद्र साहू डर गए और उन्होंने इतनी मोटी रकम का जुगाड़ शुरू किया। खुद के पैसों के अलावा उन्होंने अपने दोस्तों, परिवार के सदस्यों के खाते से भी पैसे ट्रांसफर किए।
रविंद्र साहू ने पुलिस को बताया कि अनिकेत, आकाश, सूरज, कोमल, सनी और नंदिनी बेहद शातिर अपराधी हैं। उनका सरगना अनिकेत वर्मा है।