नई दिल्ली, 22 दिसंबर। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) मामलों के विशेष न्यायाधीश, चेन्नई (तमिलनाडु) की अदालत ने रिश्वत लेने के जुर्म में एक अधिकारी को 7 और एक निजी भर्ती एजेंट को 4 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
सीबीआई की ओर से दाखिल आरोप पत्र के मुताबिक भर्ती एजेंट अनवर हुसैन ने एजेंटों द्वारा प्रस्तुत उत्प्रवास प्रमाणपत्रों की मंजूरी के लिए विभिन्न भर्ती एजेंटों से ‘स्पीड मनी’ के रूप में रिश्वत की राशि ली। बाद में एकत्र की गई राशि तत्कालीन उत्प्रवासी संरक्षक(पीओई)आर शेखर (आईआरएस) व अन्य को सौंप दी। सीबीआई ने इसमें मामला दर्ज कर जांच के बाद आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। ट्रायल के दौरान अदालत ने इन आरोपितों को दोषी ठहराया।
सीबीआई ने आरोप लगाया था कि वर्ष 2007 से 2009 के दौरान आर शेखर ने अनवर हुसैन सहित अन्य लोगों के साथ मिलकर एक साजिश रची थी। अनवर हुसैन ने एजेंटों द्वारा प्रस्तुत उत्प्रवास प्रमाणपत्रों की मंजूरी के लिए विभिन्न भर्ती एजेंटों से ‘स्पीड मनी’ के रूप में रिश्वत राशि एकत्र की और यह राशि तत्कालीन उत्प्रवासी संरक्षक (पीओई) और अन्य को सौंप दी। आरोप यह भी लगाया गया था कि रिश्वत की राशि में से 13 लाख रुपये (लगभग) आर शेखर के बेटे की इंजीनियरिंग प्रवेश की व्यवस्था करने के लिए अन्य व्यक्ति को सौंप दिए गए थे। इसे सीबीआई ने बरामद कर लिया।