कोलकाता 11 अक्टूबर।जो भगवान के सामने जिस रूप में आता है उसे भगवान उसी रूप में देखते हैं। पूतना को यह समझती थी की वह कृष्ण को विषैले स्तनपान से मार सकती है। वह कृष्ण को स्तनपान कराने आई, मां बनकर आई। भगवान जान गए कि ये मुझे मारने तो आई है पर मां बनकर, तो कृष्ण ने उसे अपने धाम भेज दिया।
एक गरीब बच्चा रोटी पाने के लिए नाचता है या जो काम कराओ वह करने लगता है। उसी तरह ब्रह्मांड नायक भगवान कृष्ण मक्खन के लिए गोपियों के कहने पर नाचने लगते हैं।गोपियों के प्रेम या भक्ति के चलते श्रीकृष्ण उनके अधीन हो गए। जीवन में सबसे बड़ा धन प्रेमधन है,जो ईश्वर से किया जाता है।अतिशय प्रेम दूरियों को मिटा देता है। जो भजन-भोजन में बाधक बनें,उसे दूरी बना लेना हितकर होता है। ईश्वर ने जल, नभ और थल बनाया है,इसका सदुपयोग करना चाहिए। इसका दुरुपयोग करना पाप है।अपना तन,मन और धन ईश्वर में लगाना जैसे मां यशोदा कृष्ण में लगाती थी।जिसने जीवन दिया है उसके सामने मस्तक झुकाया करो,उसे माला पहनाया करो।गोपियों को मर्यादा और लज्जा का पाठ पढ़ाने के लिए चीरहरण लीला की ।गोपियों से कृष्ण बोले ये यमुना नदी सूर्यनंदिनी और पेड़-पौधे ऋषि-मुनि हैं।जिस दिन भारत के बहन-बेटियों में लज्जा खत्म हो जाएगी उस दिन भारत भारत नहीं होगा। लोगों को भगवान की प्राप्ति में अभिमान सबसे बड़ा बाधक है।अभिमान होने पर सामने भगवान कृष्ण हो तो दिखाई नहीं देता।ऐसे अभिमानी जीव का भगवान अभिमान तोड़ते हैं।इन्द्र के अभिमान को तोड़ने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने गोकुल के लोगों से गोवर्द्धन पर्वत का पूजन कराया ।
ये बातें गौ कल्याण ट्रस्ट के तत्वावधान में श्रीमद्भागवत कथा पर प्रवचन करते हुए गणपति राजेश सभागार में श्रीकांत शर्मा ‘बालव्यास’ ने कही । यह श्रीमद्भागवत कथा सुरभि सदन गौशाला के निर्माण, विकास और संचालन हेतु आयोजित की गई है।कथा को सफल बनाने में ट्रस्टीगण मुरारीलाल दीवान, चम्पालाल सरावगी,बनवारीलाल सोती,सत्यनारायण देवरालिया, बृजमोहन गाड़ोदिया, बालकिसन बालासरिया,विश्वनाथ सेकसरिया, प्रेमचंद ढांढनिया, कृष्ण कुमार छापड़िया,राजेन्द्र प्रसाद बुबना,बालकिसन नेवटिया अरुण केडिया व स्वागत समिति के सदस्य प्रकाश केडिया,विनोद केडिया,रामस्वरूप गोयनका,राहुल दीवान,सिद्धार्थ दीवान, संजय मस्करा,रमेश अग्रवाल, सोनू पोद्दार, विनय मस्करा,प्रणव नेवटिया सहित अन्य सदस्य सक्रिय रहे।इस अवसर सुशील गोयनका,दीनानाथ गुप्ता,शशि-दुर्गा प्रसाद पोद्दार,तारा गोयनका,विनोद अग्रवाल, पवन गोयनका आदि गणमान्य लोग मौजूद रहे।