
नई दिल्ली, 25 जुलाई । संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को एक बार फिर विपक्ष से संसद की कार्यवाही बाधित नहीं करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि संसद के दोनों सदनों में सोमवार को पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा होगी।
मानसून सत्र के पांचवें दिन के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि आपने इस सप्ताह देखा होगा कि सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर सदन में चर्चा करने की लिखित मांग की थी। मानसून सत्र शुरू होते ही, हमने सरकार की ओर से स्पष्ट रूप से कहा था कि हम इस मामले पर चर्चा के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, “हमने कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) में भी यही निर्णय लिया था, लेकिन विपक्ष हंगामा कर रहा है और नियमों के विरुद्ध, वे सदन के भीतर और बाहर पोस्टर और बैनर लेकर आए हैं, जिससे कार्यवाही बाधित हो रही है।”
उन्होंने कहा कि हम पहले सप्ताह में केवल एक विधेयक पारित कर पाए। पहला विधेयक पारित होने के बाद, हमने अगले सूचीबद्ध विधेयकों पर चर्चा करने का आग्रह किया, लेकिन कांग्रेस और अन्य दलों ने हंगामा किया और कार्यवाही बाधित की।
रिजिजू ने कहा, “मैं यह बताना चाहता हूं कि हम आपके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर चर्चा करने जा रहे हैं; कृपया संसद को बाधित न करें। देश की जनता सांसदों के चुनकर भेजती है ताकि वे संसद में देश की समस्याओं पर नियम के तहत उठा सकें।” उन्होंने कहा कि सदन में प्रत्येक उत्तर का मसौदा तैयार करने के लिए बहुत सारे लोगों और संसाधनों की आवश्यकता होती है, और यदि हम उन पर चर्चा नहीं कर सकते और उन्हें सुन नहीं सकते, तो यह जनता के लिए नुकसानदेह है।
उन्होंने कहा कि आज, कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) में, हमने फिर से दोहराया कि हम ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। हमने तय किया है कि अगले हफ़्ते, सोमवार को हम पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा करेंगे। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को एक बार फिर विपक्ष से संसद की कार्यवाही बाधित नहीं करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि संसद के दोनों सदनों में सोमवार को पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा होगी।
मानसून सत्र के पांचवें दिन के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि आपने इस सप्ताह देखा होगा कि सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर सदन में चर्चा करने की लिखित मांग की थी। मानसून सत्र शुरू होते ही, हमने सरकार की ओर से स्पष्ट रूप से कहा था कि हम इस मामले पर चर्चा के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, “हमने कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) में भी यही निर्णय लिया था, लेकिन विपक्ष हंगामा कर रहा है और नियमों के विरुद्ध, वे सदन के भीतर और बाहर पोस्टर और बैनर लेकर आए हैं, जिससे कार्यवाही बाधित हो रही है।”
उन्होंने कहा कि हम पहले सप्ताह में केवल एक विधेयक पारित कर पाए। पहला विधेयक पारित होने के बाद, हमने अगले सूचीबद्ध विधेयकों पर चर्चा करने का आग्रह किया, लेकिन कांग्रेस और अन्य दलों ने हंगामा किया और कार्यवाही बाधित की।
रिजिजू ने कहा, “मैं यह बताना चाहता हूं कि हम आपके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर चर्चा करने जा रहे हैं; कृपया संसद को बाधित न करें। देश की जनता सांसदों के चुनकर भेजती है ताकि वे संसद में देश की समस्याओं पर नियम के तहत उठा सकें।” उन्होंने कहा कि सदन में प्रत्येक उत्तर का मसौदा तैयार करने के लिए बहुत सारे लोगों और संसाधनों की आवश्यकता होती है, और यदि हम उन पर चर्चा नहीं कर सकते और उन्हें सुन नहीं सकते, तो यह जनता के लिए नुकसानदेह है।
उन्होंने कहा कि आज, कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) में, हमने फिर से दोहराया कि हम ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। हमने तय किया है कि अगले हफ़्ते, सोमवार को हम पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा करेंगे।