कोलकाता, 15 जून । दक्षिणी कुवैत के मंगाफ क्षेत्र में भीषण अग्निकांड के शिकार हुए पश्चिम बंगाल के द्वारिकेश पटनायक का शव शनिवार सुबह कोलकाता लाया गया। उनका पार्थिव शरीर शनिवार को विशेष विमान से कोलकाता एयरपोर्ट पहुंचा। द्वारिकेश पटनायक के पार्थिव शरीर को मेदिनीपुर ले जाया गया।

दमदम के नेताजी सुभाषचंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर द्वारिकेश पटनायक (52) का शव उनके परिजनों को सौंपा गया। इस दौरान राज्य के अग्निशमन मंत्री सुजीत बोस और भाजपा नेता अग्निमित्र पॉल भी मौजूद थीं।

द्वारिकेश पटनायक मेदिनीपुर जिले के तुर्का गढ़ गांव के रहने वाले थे। कुवैत अग्निकांड में उनकी मौत की खबर से पूरे गांव में मातम छा गया था। पटनायक 19 वर्ष की आयु में कुवैत चले गए थे और वहां मैकेनिकल सुपरवाइजर के तौर पर काम करते थे।

उल्लेखनीय है कि बुधवार को कुवैत के मंगाफ क्षेत्र में सात मंजिला इमारत की रसोई में आग लग गई थी। इस हादसे में 45 भारतीयों सहित 49 लोगों की मौत हो गई थी और 50 अन्य घायल हो गए थे।

बंगाल वासियों को काम के लिए बाहर क्यों जाना पड़ता है – अग्निमित्रा

दमदम हवाई अड्डे पर द्वारिकेश को अंतिम श्रद्धांजलि देने के बाद भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने मीडिया से बात करते हुए सवाल उठाया कि ”बंगाल वासियों को बाहर काम करने क्यों जाना पड़ता है?

अग्निमित्रा पाल ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि ”इस मौत के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है। राज्य सरकार को मृतक के परिवार को आर्थिक मदद देनी चाहिए। द्वारिकेश बाबू की एक बेटी है, वह बोर्ड परीक्षा देगी। यह राज्य सरकार का कर्तव्य है कि वह उसके साथ खड़ी रहे।”