कोलकाता, 25 जनवरी । पश्चिम बंगाल भाजपा के दो प्रमुख नेताओं, शुभेंदु अधिकारी और सुकांत मजूमदार के बीच मतभेद की अटकलों से पार्टी में सुगबुगाहट तेज हो गई है। विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार के बीच बढ़ती दूरी से कार्यकर्ताओं के लिए असहज स्थिति उत्पन्न हो रही है।

राज्य भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व सह-अध्यक्ष सामसुर रहमान ने इस मुद्दे पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा को ईमेल लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि दोनों नेताओं के बीच उत्पन्न खाई से कार्यकर्ताओं में निराशा बढ़ रही है।

भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की नजर इस विवाद पर है। सूत्रों के मुताबिक, इस समय पार्टी में संगठनात्मक चुनाव चल रहे हैं और फरवरी में नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा हो सकती है। ऐसे में शुभेंदु और सुकांत के बीच दूरी ने राजनीतिक अटकलों को जन्म दिया है।

हाल ही में सॉल्टलेक के एक होटल में आयोजित भाजपा की विशेष संगठनात्मक कार्यशाला में शुभेंदु अधिकारी अनुपस्थित रहे। इस पर सुकांत मजूमदार ने कहा था कि शुभेंदु पार्टी की बैठकों में शामिल नहीं होते क्योंकि वे सहज महसूस नहीं करते। इसके जवाब में शुभेंदु ने कहा कि सुकांत ने ऐसा बयान क्यों दिया, इसका जवाब वही दे सकते हैं।

सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा बहुत जल्द शुभेंदु अधिकारी और सुकांत मजूमदार को दिल्ली बुलाकर बैठक करेंगे। इस बैठक में बंगाल भाजपा के संगठन की स्थिति और दोनों नेताओं के बीच के मतभेदों को सुलझाने की कोशिश की जाएगी।

गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने हाल ही में शुभेंदु अधिकारी को भाजपा में सुकांत मजूमदार से अधिक राजनीतिक अनुभव वाला नेता बताया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सुकांत ने कहा था कि उन्होंने बिप्लव मित्र और अर्पिता घोष को हराया है, लेकिन उनके बयान में शुभेंदु अधिकारी का नाम लेना शुभेंदु समर्थकों को खटक गया।

केंद्रीय नेतृत्व इस बात पर भी चर्चा करेगा कि शुभेंदु अधिकारी और उनके समर्थक पार्टी की मुख्यधारा से दूरी क्यों बनाए हुए हैं। वर्ष 2026 में होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है।