
कोलकाता, 9 अप्रैल । पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु के साथ प्रस्तावित बैठक रद्द हो जाने पर भारतीय जनता पार्टी के सांसद और पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। अभिजीत ने साफ शब्दों में कहा कि इस असफलता के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनका प्रशासन पूरी तरह जिम्मेदार है।
पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) घोटाले में नौकरी से हटाए जाने से उत्पन्न स्थिति पर विचार विमर्श के लिए अभिजीत गांगुली ने शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु से मुलाकात का समय मांगा था। बैठक बुधवार को होनी थी लेकिन, अंतिम क्षणों में यह बैठक रद्द कर दी गई, जिससे नाराज होकर भाजपा सांसद ने सरकार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया।
बैठक रद्द होने के बाद अभिजीत गांगुली ने ममता बनर्जी को लिखा गया पत्र मीडिया के सामने फाड़ते हुए कहा, “सरकार की सदिच्छा की कमी के कारण ही माननीय शिक्षा मंत्री के साथ बैठक विफल हो गई। इसके लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनका प्रशासन सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं।”
अभिजीत ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार शिक्षा में व्याप्त भ्रष्टाचार और घोटालों के मुद्दे पर ईमानदारी से बात करने से बच रही है। उन्होंने कहा कि नौकरी गंवा चुके सैकड़ों उम्मीदवारों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है और सरकार इससे मुंह मोड़ रही है।इसके अलावा उन्होंने कसबा में शिक्षकों पर लाठीचार्ज की भी कड़ी निंदा की।
पश्चिम बंगाल में एसएससी भर्ती घोटाले को लेकर पिछले कुछ वर्षों से विवाद जारी है। अदालत के निर्देश के बाद कई नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया था, जिससे सैकड़ों अभ्यर्थी बेरोजगार हो गए। इन बेरोजगार अभ्यर्थियों के साथ अब अभिजीत गांगुली भी सक्रिय रूप से जुड़े हैं और उनके हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। इस संदर्भ में ही शिक्षा मंत्री से उनकी बैठक प्रस्तावित थी।
सांसद बनने के बाद से ही अभिजीत गांगुली लगातार राज्य सरकार की नीतियों और कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखर रहे हैं। खासकर शिक्षा क्षेत्र में हुए घोटालों को लेकर वह सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना है कि वह प्रभावित उम्मीदवारों को न्याय दिलाने के लिए हर स्तर पर संघर्ष करते रहेंगे।
बैठक रद्द होने से उम्मीदवारों में भी गहरी नाराजगी देखी गई। एक बेरोजगार अभ्यर्थी ने कहा, “हमने उम्मीद की थी कि सरकार हमारी बात सुनेगी, लेकिन बैठक रद्द कर यह साफ हो गया कि सरकार हमारी समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं हैं।”
हालांकि बैठक रद्द किए जाने पर शिक्षा विभाग या राज्य सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।