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कोलकाता, 18 फरवरी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के महाकुंभ को लेकर दिए गए बयान पर देशभर में विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पश्चिम बंगाल के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ममता बनर्जी पर हिंदू विरोधी मानसिकता रखने और वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया है। मालवीय ने कहा है कि अपने कैबिनेट के सहयोगी और दावत-ए-इस्लाम के सक्रिय सदस्य फिरहाद हकीम की तरह ममता बनर्जी ने भी हिंदू समुदाय के खिलाफ अपनी गहरी नफरत को उजागर किया है।
भाजपा नेता अमित मालवीय ने ममता बनर्जी के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्होंने हिंदू आस्था के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन का अपमान किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि ममता बनर्जी जान-बूझकर हिंदू त्योहारों और परंपराओं का अपमान करती हैं, जबकि दूसरे समुदायों को खुश करने के लिए हरसंभव प्रयास करती हैं।
उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने महाकुंभ को ‘मृत्यु कुंभ’ कहकर करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। जबकि वही मुख्यमंत्री अन्य धर्मों के आयोजनों को बढ़ावा देने और उन्हें विशेष सुविधाएं देने में कोई कसर नहीं छोड़तीं।
अमित मालवीय ने यह भी आरोप लगाया कि ममता बनर्जी केवल तुष्टिकरण की राजनीति करती हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कई मौकों पर हिंदू संतों और धार्मिक संस्थानों को भी निशाना बनाया है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि ममता बनर्जी ने भारत सेवाश्रम संघ, रामकृष्ण मिशन और इस्कॉन के संतों पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं।
अमित मालवीय ने ममता बनर्जी पर कई और गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी लगातार हिंदू धर्म और परंपराओं को अपमानित करने के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने कुछ उदाहरण गिनाए:
ममता बनर्जी ने खुद को ‘काफिर’ कहे जाने पर कहा था कि इसका मतलब ‘डरपोक’ होता है।
उनके करीबी विधायक हुमायूं कबीर ने खुलेआम हिंदुओं को मारने और उनकी लाशों को भागीरथी नदी में फेंकने की धमकी दी थी, लेकिन ममता बनर्जी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
उन्होंने सिद्दीकुल्लाह चौधरी जैसे कट्टर नेताओं का समर्थन किया, जो अक्सर भारत विरोधी बयानों के लिए चर्चा में रहते हैं।