
रांची, 6 जून । आदिवासी समुदाय के साथ छल कपट की राजनीति करने वाली भाजपा आदिवासियों की हितैषी बनने का प्रयास कर रही है। आदिवासियों के हित की बात करने वाले बाबूलाल मरांडी फ्लाइओवर का नामकरण होने के बाद भी बाबा कार्तिक उरांव का नाम लेने से परहेज कर रहे हैं, यह आदिवासी जन भावनाओं का अपमान है। यह बातें प्रदेश कांग्रेस की ओर से शुक्रवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कहा गया।
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सोनाल शांति ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से सिरमटोली स्थित बाबा कार्तिक उरांव फ्लाइओवर का उद्घाटन किए जाने पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के लगाए गए आरोप पर उन्होंने कहा कि फ्लाइओवर का उद्घाटन गुप्त तरीके से नहीं, बल्कि डंके की चोट पर किया गया है।
गुपचुप तरीके से कार्य करना भाजपा के सिद्धांतों में शामिल है जैसा कि भाजपा ने सीएनटी एसपीटी एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव राजभवन को भेजकर किया था। महागठबंधन की सरकार जो वादा करती है उसके अनुसार काम करती है। बाबा कार्तिक उरांव फ्लाइओवर से आदिवासी समुदाय ठगा महसूस नहीं कर रहा है, बल्कि आदिवासियों को भड़का कर रोटी सेकने वालों की राजनीतिक मंसूबे पर चोट पहुंची है जो आदिवासी समुदाय को आगे कर अपनी राजनीति को शीर्ष पर पहुंचाना चाहते थे।
उन्होंने कहा कि आदिवासी अस्मिता,आस्था,परंपरा आदिवासी समुदाय की भावनाओं को महागठबंधन सरकार बखूबी समझती है और उनकी भावनाओं को समझ कर ही हमने राष्ट्रीय स्तर पर सरना धर्म कोड लागू करने की लड़ाई छेड़ रखी है। सरना धर्म कोड को लटकाने के खिलाफ बाबूलाल को अपने केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष विरोध दर्ज करना चाहिए।