
कोलकाता, 16 जून । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को विधानसभा में प्रश्नोत्तर काल के दौरान भाजपा पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा शासित राज्यों में बांग्ला बोलने वाले भारतीय नागरिकों को ‘बांग्लादेशी’ करार दिया जा रहा है। उन्होंने इसे भाषा के आधार पर ‘विचहंट’ (राजनीतिक उत्पीड़न) करार दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “आपको शर्म आनी चाहिए कि आप केवल भाषा के आधार पर भारतीय नागरिकों को बांग्लादेशी बता रहे हैं। बांग्ला, गुजराती, मराठी और हिंदी— ये सभी भाषाएं हमारी पहचान हैं। मैं सभी भाषाएं बोल सकती हूं और मुझे इस पर गर्व है।”
उन्होंने आगे कहा, “भाषा के आधार पर लोगों को बांग्लादेशी ठहराया जा रहा है और जिनके पास वोटर आईडी, पैन कार्ड और आधार कार्ड जैसे वैध दस्तावेज हैं, उन्हें रोज़गार के अधिकार से वंचित किया जा रहा है।” ममता बनर्जी की इस टिप्पणी के बाद भाजपा विधायकों ने विरोध जताया और नारेबाजी शुरू कर दी, इसके बावजूद मुख्यमंत्री ने अपना भाषण में अडिग जारी रखा। ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर राज्य को आर्थिक रूप से कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार बंगाल के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। उन्होंने बताया कि इसके बावजूद राज्य सरकार ने ‘पथश्री’ योजना के तहत 69 हजार किलोमीटर सड़कें बनाई हैं और ₹11 हजार करोड़ की लागत से आवास योजना शुरू की है। उन्होंने दावा किया कि “पश्चिम बंगाल लगातार पांच वर्षों से सड़क और ग्रामीण आवास योजनाओं की रैंकिंग में शीर्ष पर रहा है।”