कोलकाता, 14 मई  ।
बंगाल सरकार के परिवहन विभाग ने राज्यभर के गेराज कर्मियों को आधुनिक ऑटोमोबाइल तकनीक की जानकारी देने के उद्देश्य से एक महत्त्वाकांक्षी पहल की घोषणा की है। इस परियोजना के तहत राज्य के कुल 505 पंजीकृत गेराजों में कार्यरत लगभग 5,187 कुशल एवं अर्द्ध-कुशल कर्मियों को नवाचारों से लैस नई गाड़ियों के अनुरूप प्रशिक्षित किया जाएगा।

मंगलवार को कोलकाता के यूनिवर्सिटी इंस्टिट्यूट हॉल में आयोजित एक बैठक में परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती और वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में इस योजना की रूपरेखा पर विचार-विमर्श किया गया। इसमें सड़क किनारे छोटे गेराज संचालकों को भी शामिल करने पर ज़ोर दिया गया।

परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आधुनिक तकनीक से युक्त नए मॉडल की गाड़ियां बाजार में आ रही हैं और पुरानी गाड़ियों में भी नए फीचर्स जोड़े जा रहे हैं। ऐसे में गेराज कर्मियों को तकनीकी रूप से दक्ष बनाना बेहद जरूरी है। यह परियोजना शीघ्र ही लागू की जाएगी।

इस योजना की निगरानी तकनीकी शिक्षा, प्रशिक्षण और कौशल विकास विभाग द्वारा की जाएगी। पूरे राज्य में इस सेक्टर से जुड़े करीब सात हजार कर्मियों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए राज्य सरकार की ‘उत्कर्ष बांग्ला’ योजना का उपयोग किया जाएगा, जिसका उद्देश्य युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर उन्हें बेहतर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है।

इसके साथ ही कर्मियों को श्रम विभाग द्वारा संचालित निःशुल्क सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत लाने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में राज्य के असंगठित क्षेत्र के करीब 4.13 लाख परिवहन कर्मी ‘पश्चिम बंग परिवहन कर्मी सामाजिक सुरक्षा योजना’ के अंतर्गत आते हैं, जिसके तहत सेवानिवृत्ति के बाद मासिक पेंशन, पीएफ और मृत्यु की स्थिति में लाभ की सुविधा मिलती है।