जयपुर, 19 फ़रवरी। भाजपा ने लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान में ऑपरेशन लोटस की शुरुआत कर दी है। इसी के तहत आदिवासी क्षेत्र के बागीदौरा (बांसवाड़ा) से कांग्रेस विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीया सोमवार को कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए हैं। उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। वे सोमवार दोपहर में भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंचे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने मालवीया को भाजपा की सदस्यता ग्रहण कराई। मालवीया के भाजपा में शामिल होने से प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के बड़े नेता और सीडब्ल्यूसी मेंबर महेंद्रजीत सिंह मालवीया दक्षिणी राजस्थान में बड़ा आदिवासी चेहरा माने जाते हैं। उनके जाने से आने वाले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की मुश्किलें और बढ़ेंगी।
मालवीया के पास लंबा सियासी तजुर्बा है। वे सरपंच से लेकर, प्रधान, विधायक और सांसद का चुनाव लड़ चुके हैं। दक्षिणी राजस्थान, खास तौर पर बांसवाड़ा-डूंगरपुर में उनका मजबूत जनाधार है। भाजपा उन्हें डूंगरपुर-बांसवाड़ा से लोकसभा का उम्मीदवार बना सकती है। यहां से कनकमल कटारा सांसद हैं। मालवीया दिल्ली में लगातार बीजेपी के नेताओं के संपर्क में थे। रविवार को उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा उन्हें शाह से मिलाने लेकर गए थे।
भाजपा में शामिल होने के बाद मालवीया ने कहा कि 1977 में गांव से पैदल चल कर आया। एक दिन में 50 किलोमीटर तक का सफर किया। विश्व हिंदू परिषद में शामिल हुआ। एबीवीपी के बैनर पर प्रेसिडेंट बना, एबीवीपी के बैनर से वाइस प्रेसिडेंट बना। मुझे अब भाजपा में आने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि सरपंच एक दिन भी नहीं रहा और प्रधान बन गया। प्रधान रहते हुए एमपी बना। भाजपा ने सहयोग किया, लेकिन कांग्रेस ने मौका नहीं दिया। दो बार जिला प्रमुख बना। चार बार विधायक रहा हूं।
मालवीया ने कहा कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में जाने से जब कांग्रेस पार्टी ने मना कर दिया, तब मुझे सबसे ज्यादा ठेस लगी। अगर मुझे अपने क्षेत्र का विकास करना है तो भाजपा के अलावा आदिवासी अंचल में काम करने वाला कोई नहीं है। पीएम मोदी की नीतियों ने मुझे प्रभावित किया है। मालवीया कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने थे। वे भाजपा में शामिल हो गए हैं, इसलिए दल-बदल विरोधी कानून के तहत विधानसभा से उनकी सदस्यता जानी तय थी। मालवीया के इस्तीफे के बाद बांसवाड़ा जिले की बागीदौरा विधानसभा सीट पर उप चुनाव होना तय है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के साथ इस सीट पर उपचुनाव हो सकते हैं।
महेंद्रजीत सिंह मालवीया के भाजपा में शामिल होने पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि मालवीया जैसे लोगों के जाने से कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, बल्कि पार्टी और मजबूत होगी। पिछली बार जब ये जीते तो इनकी शिकायतें आई थीं, इन्होंने स्पष्टीकरण दिया। अबकी बार भी इन्होंने सबको हराने का प्रयास किया। लेकिन रमिला, बामनिया, घोघरा और निनामा जीतकर आ गए। इसी कारण पिछली बार पार्टी ने इन्हें ढाई साल तक मंत्री नहीं बनाया था। आदिवासी और पुराने कांग्रेसी समझकर इस बार टिकट दिया। डोटासरा ने कहा कि इनको पता था कि इस बार इनको कांग्रेस से टिकट नहीं मिलेगा। इसलिए अपने अस्तित्व को बचाने की कुचेष्टा इन्होंने की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी राम मंदिर का विरोध नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से राम मंदिर बना है। मालवीया राम मंदिर का बहाना बनाकर गए हैं क्योंकि उनका जनाधार खत्म हो चुका है। उनकी संदिग्ध गतिविधियों का जनता को पता लग गया है। अब ये न विधायक बनेंगे, न ही कभी सांसद। ऐसे व्यक्ति के जाने से कोई असर नहीं होगा। इतने बड़े नेता होते तो इन्हें तीन दिन दिल्ली में धक्के क्यों खाने पड़े। जयपुर आकर क्यों जॉइन करना पड़ा। अगर भाजपा कह रही थी कि पांच साल के कामों की जांच करवाएंगे, तो क्या इनकी भी जांच होगी।