किशनगंज, 29 जनवरी। बिहार में सियासी उलटफेर के बीच राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत सोमवार को बिहार के किशनगंज जिले में पहुंची। पश्चिम बंगाल से राहुल गांधी की यात्रा ने किशनगंज में प्रवेश किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भीड़ इस दौरान राहुल गांधी के स्वागत के लिए मौजूद रही।
सीमांचल में राहुल गांधी की यह यात्रा दो दिनों तक भ्रमण करेगी। किशनगंज से यह यात्रा शुरू हुई जहां बड़ी संख्या में कांग्रेस समर्थकों ने राहुल गांधी के साथ यात्रा की।
यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि मैं बिहार में ओबीसी समुदाय को बताना चाहता हूं कि 90 अधिकारियों में से केवल 3 ओबीसी से हैं और इस प्रकार ओबीसी के लिए बहुत कम पैसा आवंटित किया गया है। इसीलिए हमने इस दिशा में एक क्रांतिकारी कदम की बात कही है। भारत को अब पता होना चाहिए कि देश में ओबीसी दलितों की सही आबादी कितनी है। इसलिए हम भारत में जाति जनगणना चाहते हैं।
राहुल गांधी ने इस यात्रा के लक्ष्य पर पूछे गये पत्रकारों के सवाल कि वे पैदल क्यों चल रहे हैं?, इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह मोहब्बत का देश है। हमें नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोजनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यात्रा में लाखों लोगों से मिला, लोग अपने दिल का दर्द हमें बताते थे। हिन्दुस्तान की राजनीति पर इस विचारधारा में बहुत असर पड़ा है। एक नई विचारधारा नफरत के खिलाफ मोहब्बत की खड़ी हुई है।
राहुल गांधी ने आरोप लगाते हुए कि भाजपा नफरत और देश को बांटने की बात करती है। हम मोहब्बत और देश को जोड़ने की बात करते हैं। राहुल गांधी ने कहा कि बिना सामाजिक और आर्थिक न्याय के देश तरक्की नहीं कर सकता। केंद्र सरकार के विकास के वायदे झूठे हैं।
किशनगंज पहुंचे कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने यात्रा के दौरान पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा का हमें असम के मुख्यमंत्री से खूब प्रचार मिला। नीतीश कुमार के विश्वासघात के बाद किशनगंज और बिहार की जनता राहुल गांधी का स्वागत कर रही है। हमें बिहार के मुख्यमंत्री या असम के मुख्यमंत्री से कोई प्रमाणपत्र नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने सभी को निमंत्रण दिया है।