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कोलकाता, 14 फरवरी । पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित स्कूल भर्ती घोटाले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को शुक्रवार को कोलकाता की एक विशेष अदालत से कुंतल घोष के आवाज के नमूने लेने की अनुमति मिल गई।
सीबीआई के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि जांच एजेंसी को नए सबूत मिले हैं, जिनके आधार पर कुंतल घोष के आवाज के नमूने लेना आवश्यक हो गया है। अदालत ने इस दलील से सहमति जताते हुए सीबीआई को यह अनुमति दी और 18 फरवरी को आवाज के नमूने संग्रह करने की तारीख तय की।
इससे पहले 11 फरवरी को तीन असफल प्रयासों के बाद सीबीआई ने इस मामले के मुख्य आरोपित सुजय कृष्ण भद्र के आवाज के नमूने जुटाने में सफलता प्राप्त की थी।
कुंतल घोष इस मामले के प्रमुख आरोपितों में से एक हैं और वर्तमान में जमानत पर बाहर हैं। उन्हें कुछ साल पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था, जो इस घोटाले की समानांतर जांच कर रहा है। बाद में सीबीआई ने भी उन्हें इस मामले में गिरफ्तार दिखाया।
घोष पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी स्कूलों में नौकरी दिलाने के नाम पर कई करोड़ रुपये वसूले। इसके अलावा, उन्होंने एक फर्जी वेबसाइट बनाकर उन अभ्यर्थियों को सफल दिखाया, जो शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में वास्तव में असफल हुए थे।
इस घोटाले में कुल 53 आरोपित हैं, जिनमें 29 व्यक्ति और 24 कॉर्पोरेट संस्थाएं या ट्रस्ट शामिल हैं। ईडी द्वारा दाखिल आरोप पत्र में जिन प्रमुख हस्तियों को आरोपित बनाया गया है, उनमें पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी, उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी और उनके दामाद कल्याणमय भट्टाचार्य प्रमुख हैं।
ईडी के आरोप पत्र में पार्थ चटर्जी की दिवंगत पत्नी के नाम पर बने ‘बबली चटर्जी मेमोरियल ट्रस्ट’ को भी आरोपित बताया गया है। आरोप है कि घोटाले की काली कमाई को इस ट्रस्ट के माध्यम से दान के रूप में दिखाकर हेराफेरी की गई।
इस मामले में ईडी द्वारा दाखिल आरोप पत्र के आधार पर कोलकाता की विशेष प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) अदालत में सुनवाई इस महीने से शुरू हो चुकी है। अब सीबीआई की ओर से कुंतल घोष के आवाज के नमूनों की जांच इस घोटाले की परतें खोलने में कितनी अहम साबित होगी, यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा।