कोलकाता, 10 जून । पश्चिम बंगाल सरकार ने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों से पहले या उसके दौरान भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त अधिकारियों को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

सोमवार को राज्य सरकार ने इसकी शुरुआत पूर्व मेदिनीपुर जिले की जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) जोयोशी दासगुप्ता से की है। पश्चिम बंगाल कैडर की 2010 बैच की आईएएस अधिकारी को हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों से पहले चुनाव आयोग ने पूर्व मेदिनीपुर का डीएम नियुक्त किया था। उन्होंने तनवीर अफजल की जगह ली थी जो पश्चिम बंगाल सिविल सेवा (डब्ल्यूबीसीएस) कैडर के अधिकारी थे।

तनवीर पर सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में काम करने के आरोप लगे थे जिसके बाद आयोग ने उन्हें पद से हटा दिया था और जोयोशी को नियुक्त किया था। जिला मजिस्ट्रेट के रूप में जोयोशी पूर्व मेदिनीपुर की जिला निर्वाचन अधिकारी भी थीं। मोदी सरकार तीसरी बार के शपथ ग्रहण के 24 घंटे के भीतर उन्हें हटा दिया गया है। इससे राज्य में सत्ता के गलियारों में हलचल मच गई है।

पूर्व मेदिनीपुर के डीएम के पद से हटाए जाने के बावजूद जोयोशी दासगुप्ता को अब तक कोई नया पद आवंटित नहीं किया गया है। फिलहाल उन्हें राज्य कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग से संबद्ध रखा गया है, जो राज्य में आईएएस और डब्ल्यूबीसीएस अधिकारियों के तबादलों और पोस्टिंग को नियंत्रित करता है। राज्य सरकार ने दासगुप्ता के स्थान पर डब्ल्यूबीसीएस कैडर के अधिकारी पूर्णेंदु कुमार माझी को नया डीएम बनाया है।