कोलकाता, 06 अगस्त । पश्चिम बंगाल में राशन वितरण मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने हाल ही में गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष अनिसुर रहमान उर्फ़ बिदेश और उनके भाई अलीफ नूर उर्फ़ मुकुल के नाम पर एक फर्जी कॉर्पोरेट इकाई का पता लगाया है। यह घटना उत्तर 24 परगना जिले के देगंगा क्षेत्र की है।
सूत्रों के अनुसार, इस कॉर्पोरेट इकाई का नाम जीपी एग्रो फूड प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड है। केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को प्रारंभिक सुराग मिले हैं कि यह कंपनी सार्वजनिक वितरण प्रणाली के चावल और गेहूं को खुले बाजार में ऊंचे दाम पर बेचती थी।
पिछले हफ्ते, केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने छापेमारी और तलाशी अभियान के दौरान दोनों भाइयों के स्वामित्व वाली एक चावल मिल से राज्य सरकार के संबद्ध वितरक की सील और हस्ताक्षर वाली खाली रसीदें भी जब्त की थीं।
सूत्रों के अनुसार, ईडी अधिकारियों का मानना है कि इन रसीदों की बरामदगी बिदेश, मुकुल, राज्य सरकार के संबद्ध वितरकों और राज्य खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के कुछ अधिकारियों के बीच गहरी साजिश का सबूत है।
संयोग से, बिदेश और मुकुल व्यापारी बकीबुर रहमान के चचेरे भाई हैं, जिन्हें ईडी अधिकारियों ने राशन वितरण घोटाले की जांच में सबसे पहले गिरफ्तार किया था। जांच में खुलासा हुआ है कि बकीबुर भी पीडीएस के माध्यम से वितरित होने वाले खाद्य पदार्थों को खुले बाजार में ऊंचे दाम पर बेचने के इसी तरीके का इस्तेमाल करता था।
इस बीच, सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी इस मामले में एक और आरोपित अब्दुल बारिक बिस्वास को पेश होने के लिए ज्यादा समय देने के इच्छुक नहीं हैं। ईडी अधिकारियों ने बिस्वास को पिछले बुधवार को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया था, जिसमें उन्हें शुक्रवार दोपहर तक ईडी के सॉल्टलेक कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया था। हालांकि, सूत्रों ने बताया कि निर्धारित अवधि के भीतर पेश होने के बजाय बिस्वास ने ईडी को उपस्थित होने के लिए कुछ समय की मांग की है।
हालांकि, सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी उन्हें पेश होने के लिए अनिश्चित काल तक का समय देने के इच्छुक नहीं हैं। सूत्रों ने कहा, एक और नोटिस जारी किया जाएगा, जिसमें पेश होने की नई समय सीमा तय की जाएगी, और अगर वह उस समय भी चूक जाते हैं, तो ईडी अधिकारी कानूनी प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई करेंगे।