कोलकाता, 4 अक्टूबर । पश्चिम बंगाल पंचायत विभाग ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों से हाल ही में हुई बारिश और बाढ़ से प्रभावित ग्रामीण सड़कों की स्थिति पर त्वरित रिपोर्ट मांगी है। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को ये जानकारी दी। पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के सचिव पी. उल्गनाथन ने जिलाधिकारियों को एक पत्र लिखकर ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों को हुए नुकसान की विस्तृत जानकारी देने का अनुरोध किया है।

इस पत्र में न केवल सड़कों की स्थिति बल्कि बाढ़ से प्रभावित पुलियाओं और अन्य बुनियादी ढांचों की जानकारी भी मांगी गई है। अधिकारी ने बताया कि विभाग ने ग्रामीण बंगाल में कितने किलोमीटर सड़कें बर्बाद हुई हैं, उनकी क्षति का प्रकार और वर्तमान स्थिति की रिपोर्ट मांगी है। इसके साथ ही पत्र में यह भी उल्लेख करने के लिए कहा गया है कि बाढ़ में कितनी पुलियां प्रभावित हुई हैं।

जिलाधिकारियों को सड़कों की मरम्मत और क्षतिग्रस्त पुलियाओं को बदलने की लागत का आकलन करने के साथ-साथ इन बुनियादी ढांचों के रखरखाव और पुनर्निर्माण के खर्च का भी अनुमान देने का निर्देश दिया गया है। विभाग ने इस कार्य की तत्परता पर जोर देते हुए कहा कि रिपोर्ट दुर्गा पूजा अवकाश से पहले ही जमा कर दी जानी चाहिए।

हालिया बाढ़ ने राज्य के कई जिलों में तबाही मचा दी है, खासकर दक्षिण बंगाल के जिलों में। पूर्व और पश्चिम बर्दवान, बांकुड़ा, बीरभूम, हावड़ा, हुगली, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर जैसे जिलों में बाढ़ का व्यापक असर देखा गया है। इसके अलावा, उत्तर बंगाल के जिलों जैसे कूचबिहार, दार्जिलिंग और मालदा में भी नेपाल की कोसी नदी के उफान से भारी क्षति हुई है।

इस संकट से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने बंगाल के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्निर्माण कार्यों के लिए 468 करोड़ रुपये की राहत राशि आवंटित की है।