कोलकाता, 22 जुलाई । पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस के कार्यालय ने सोमवार को दो नए तृणमूल कांग्रेस विधायकों, सयंतिका बनर्जी और रेयात हुसैन सरकार को पत्र भेजकर उन्हें विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने पर वित्तीय दंड की चेतावनी दी है।
स्पीकर बिमान बनर्जी द्वारा शपथ ग्रहण करने के बाद, दोनों विधायक सोमवार से शुरू हुए मानसून सत्र में भाग लेने के लिए विधानसभा परिसर पहुंचे। हालांकि, उन्हें राज्यपाल के कार्यालय से ईमेल प्राप्त हुए, जिसमें उनसे पूछा गया था कि उनकी शपथ किसने दिलाई।
नोटिस में इन दो विधायकों को याद दिलाया गया कि चूंकि शपथ स्पीकर द्वारा दिलाई गई थी, न कि राज्यपाल बोस द्वारा नामांकित उपाध्यक्ष द्वारा, इसलिए यह शपथ असंवैधानिक है।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 193 के तहत राज्यपाल को अधिकार है कि वह दो विधायकों पर वित्तीय दंड लगा सकते हैं यदि वे विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेते हैं या बिना राज्य के संवैधानिक प्रमुख की स्वीकृति के सदन में आवंटित कुर्सी पर बैठते हैं।
अनुच्छेद 193 के अनुसार, “यदि कोई व्यक्ति विधान सभा या विधान परिषद के सदस्य के रूप में बैठता है या मतदान करता है, इससे पहले कि उसने अनुच्छेद 188 की आवश्यकताओं का पालन किया हो, या जब उसे पता है कि वह सदस्यता के लिए योग्य या अयोग्य है। या उसे संसद या राज्य विधानमंडल द्वारा बनाए गए किसी कानून के प्रावधानों द्वारा ऐसा करने से निषिद्ध किया गया है, तो वह प्रत्येक दिन के लिए राज्य के देय ऋण के रूप में पांच सौ रुपये का दंड देने के लिए उत्तरदायी होगा।”