कोलकाता, 2 अगस्त । पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और तृणमूल गठबंधन को लेकर पार्टी के अंदर विरोध बढ़ता जा रहा है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी द्वारा पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाए जाने के बाद, अब बंगाल कांग्रेस के कुछ और नेता इस मुद्दे पर आवाज उठा रहे हैं।
29 जुलाई को दिल्ली में पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के 23 नेताओं के साथ पार्टी नेतृत्व की बैठक हुई थी, जिसमें राज्य के लिये संभावित रणनीतियों पर विचार-विमर्श किया गया। अब, राज्य के कई कांग्रेस नेताओं ने इस बैठक के लिए चुने गए 23 नेताओं के चयन पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है।
बंगाल कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, पिछले तीन दिनों में कम से कम चार कांग्रेस नेताओं ने, जो कि अधीर रंजन चौधरी के करीबी माने जाते हैं, पार्टी के उच्च नेतृत्व को इस चयन प्रक्रिया पर अपनी आपत्तियां भेजी हैं। इनमें पार्टी सचिव सुमन रॉय चौधरी, अशोक भट्टाचार्य, आशुतोष चटर्जी और तपन अग्रवाल शामिल हैं।
अधीर रंजन चौधरी ने सबसे पहले इस चयन पर नाराजगी जाहिर की थी। 29 जुलाई की बैठक के एक दिन बाद ही उन्होंने सोशल मीडिया पर एक विस्फोटक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने राज्य में हर दिन तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा पीटे जा रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।
उस पोस्ट में उन्होंने पार्टी नेतृत्व से अपील की थी कि वे इन जमीनी स्तर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं से संवाद करें ताकि राज्य की वास्तविक स्थिति का पता चल सके।
चौधरी ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “दिल्ली को उन पार्टी कार्यकर्ताओं से बात करनी चाहिए जो पश्चिम बंगाल में प्रतिदिन संघर्ष कर रहे हैं और पार्टी का झंडा ऊंचा रखने के लिए सड़कों पर विरोध कर रहे हैं। उनकी राय महत्वपूर्ण है और इसलिए उन्हें भी दिल्ली बुलाया जाना चाहिए।”