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कोलकाता, 20 नवम्बर। पश्चिम बंगाल कृषि तथा संसदीय कार्य मंत्री ने गुरुवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर बिना नाम लिए आरोप लगाया है कि उनके दो करीबी रिश्तेदारों को महत्वपूर्ण पद और लाभकारी नियुक्तियां दिलाई गई हैं, जिससे निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं।

कृषि तथा संसदीय कार्य मंत्री शोभनदेब चट्टोपाध्याय ने गुुरुवार को कहा कि निर्वाचन आयोग एक स्वायत्त संवैधानिक संस्था है और उसका स्वतंत्र तथा निष्पक्ष होना अनिवार्य है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस व्यक्ति के नेतृत्व में यह संस्था कार्य कर रही है, उसके परिजनों को लाभकारी पद मिले हैं। मंत्री ने कहा कि जो व्यक्ति रिश्वत स्वीकार करता है या अपने सिद्धांतों में लापरवाही लाता है, वह कोई ठोस योगदान नहीं दे सकता। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इन आरोपों का कड़ा विराेध जताया है।

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जाकर उन्हें सिद्ध करें। बंगाल में भाजपा के प्रदेश महासचिव जगन्नाथ चट्टोपाध्याय ने कहा कि मंत्री के वक्तव्य से स्पष्ट होता है कि तृणमूल कांग्रेस मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर भयभीत है, क्योंकि इससे कई अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची से हट सकते हैं। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस नेताओं में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के समक्ष अपनी निष्ठा दिखाने की होड़ चल रही है।

इससे पहले, मुख्यमंत्री और पार्टी के महासचिव अभिषेक बनर्जी सहित कई तृणमूल नेताओं ने आरोप लगाया था कि निर्वाचन आयोग भाजपा के प्रभाव में कार्य कर रहा है और एसआईआर के नाम पर राज्य में भय का वातावरण बना रहा है। उन्होंने आत्महत्या और आत्महत्या के प्रयासों के लिए भी आयोग को जिम्मेदार ठहराया था। ————