ढाका, 11 मार्च। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में 29 फरवरी को हुए बेली रोड अग्निकांड में हताहत 46 लोगों में महिला पत्रकार ब्रिश्ती खातून भी शामिल हैं। उनकी पहचान में डीएनए परीक्षण ने अहम भूमिका निभाई। आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने रविवार को यह खुलासा किया।

ढाका ट्रिब्यून समाचार पत्र के अनुसार, ब्रिश्ती के माता-पिता सबुज शेख उर्फ शबलुल आलम और ब्यूटी खातून से एकत्र किए गए नमूनों से उसके नमूने का मिलान किया गया। तीनों के नमूनों के मेल खाने से इसकी पुष्टि हुई। पत्रकार ब्रिश्ती खातून राजधानी के ईडन कॉलेज के दर्शनशास्त्र विभाग की छात्रा थीं। सात मंजिला ग्रीन कोजो सेंटर में लगी भीषण आग में उनकी मौत हो गई थी। ज्यादातर लोग वहां दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ डिनर के लिए गए थे।

रिपोर्ट के अनुसार, शुरू में उनके दोस्तों और पूर्व सहयोगियों ने शव की पहचान ओविश्रुति शास्त्री के रूप में की। हालांकि, उसके माता-पिता ने शुरू से ही दावा किया था कि वह ब्रिश्ती थी। सबुज और ब्यूटी मुस्लिम हैं जबकि ओविश्रुति शास्त्री एक हिंदू नाम का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसलिए पहचान पर भ्रम गहराता गया। तब डीएनए नमूने एकत्र किए जाने का फैसला किया गया। सीआईडी ने साफ किया है कि जन्म पंजीकरण और कॉलेज प्रमाणपत्र में भी उनका नाम ब्रिश्ती खातून के रूप में दर्ज है।

सीआईडी के उप महानिरीक्षक एकेएम नाहिदुल इस्लाम ने कहा कि डीएनए की रिपोर्ट शनिवार शाम विभाग को मिली। इस बारे में जांच अधिकारी को अपडेट कर दिया गया है। इस बीच, रमना पुलिस थाना प्रभारी उत्पल बरुआ ने कहा कि सीआईडी ने तुरंत उन्हें इसकी सूचना नहीं दी। अगर डीएनए मेल खाता है, तो उसका शव निश्चित रूप से उसके परिवार को सौंप दिया जाएगा। ब्रिश्ती के माता-पिता ने कहा कि वे उसका शव मिलने का इंतजार कर रहे हैं।