कोलकाता, 05 अगस्त। बांग्लादेशी मॉडल शांता पॉल, जो हाल ही में कोलकाता पुलिस के हत्थे चढ़ी हैं, ने भारतीय नागरिक के रूप में अपनी पहचान गढ़ने के लिए कई तरीके अपनाए। जांच में सामने आया है कि उन्होंने न केवल फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए, बल्कि पुलिस में भारतीय नागरिक के रूप में शिकायत दर्ज कराकर खुद को एक वैध भारतीय निवासी के रूप में पेश किया।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, शांता पॉल का वीज़ा समाप्त होने के बाद भी वह कोलकाता में ही रह रही थीं। इस दौरान उन्होंने दक्षिण कोलकाता के गोल्फ ग्रीन इलाके में एक फ्लैट खरीदा। उन्होंने आरोप लगाया कि फ्लैट की सजावट के लिए एक इंटीरियर डिजाइनर कंपनी को काम सौंपा, जिसने उन्हें कई लाख रुपये का अनुमानित खर्च बताया। पहले चरण में भुगतान करने के बावजूद काम शुरू नहीं हुआ, जिसके बाद शांता ने बेहाला क्षेत्र के ठाकुरपुकुर थाने में ठगी का मामला दर्ज कराया।

जांचकर्ताओं ने मंगलवार को बताया कि आमतौर पर कोई भी विदेशी नागरिक, जो बिना वैध दस्तावेज किसी देश में रह रहा हो, पुलिस के पास जाने से बचता है, ताकि उसकी असली पहचान उजागर न हो। लेकिन शांता पॉल ने इसके विपरीत, खुलकर शिकायत दर्ज कराई और खुद को भारतीय नागरिक बताया।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि किसी भी व्यक्ति के लिए शिकायत दर्ज कराना आसान है, और प्रारंभिक स्तर पर यह पता लगाना मुश्किल होता है कि वह भारतीय है या अवैध तरीके से रह रहा विदेशी।

शांता की गिरफ्तारी के बाद सवाल उठ रहे हैं कि उन्होंने गोल्फ ग्रीन में फ्लैट कैसे खरीदा और उसका पंजीकरण कैसे कराया। इस मामले में पुलिस अब फर्जी दस्तावेजों के नेटवर्क की जांच कर रही है।

मंगलवार सुबह कोलकाता पुलिस की एंटी-राउडी स्क्वॉड ने उत्तर 24 परगना जिले के नैहाटी से सौमिक दत्ता नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। उस पर आरोप है कि उसने शांता पॉल के लिए फर्जी भारतीय दस्तावेज तैयार करवाने में मदद की। पुलिस का मानना है कि इन्हीं दस्तावेजों की मदद से शांता ने भारत में अपनी पहचान बनाई और संपत्ति खरीदी।