जालंधर, 03 अक्टूबर। पंजाब में जालंधर जिला के मजिस्ट्रेट विशेष सारंगल ने जिले के अधिकार क्षेत्र में धान की पराली जलाने और रात के समय कंबाइन मशीनों से धान की कटाई पर प्रतिबंध लगा दिया है।
जिला मजिस्ट्रेट ने मंगलवार को एक आदेश जारी कर कहा कि धान की पराली जलाने से कई जहरीली गैसें निकलती हैं जो मानव स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती हैं और पर्यावरण को प्रदूषित करती हैं। उन्होंने बताया कि धान की पराली जलाने से मिट्टी की बनावट को अपूरणीय क्षति होती है और मिट्टी में उपलब्ध कई पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि पराली जलाने से धुंध की मोटी परत के कारण यातायात में भी दिक्कतें आती हैं और सड़क दुर्घटनाएं हो सकती हैं।
इसके अलावा जिला मजिस्ट्रेट ने शाम सात बजे से सुबह आठ बजे तक कंबाइन मशीनों से धान की कटाई पर रोक लगा दी है। उन्होने कहा कि केवल उन हार्वेस्टिंग कंबाइन मशीनों का उपयोग किया जाना चाहिए जिनके पास बीआईएस प्रमाणीकरण है। उन्होंने किसानों से फसल में उच्च नमी की मात्रा से बचने के लिए शाम 07 बजे से सुबह 08 बजे के बीच धान की कटाई करने से परहेज करने का भी आग्रह किया, जिससे अंततः उनकी उपज की खरीद में देरी होती है।
उन्होंने कहा कि रात के समय नमी की मात्रा बढ़ जाती है और रात के समय फसल काटने पर किसानों को मंडियों में अनाज की खरीद में दिक्कत आ सकती है. इस स्थिति के मद्देनजर सारंगल ने किसानों से नमी रहित अनाज बाजार में लाने की अपील की और कहा कि कृषि विभाग को भी किसानों को इस बारे में जागरूक करना चाहिए ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा से बचाया जा सके।

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