
क्वेटा, 01 अगस्त । बलूचिस्तान उच्च न्यायालय ने बुजुर्ग नागरिक वाहिद कंबर बलूच के लापता होने के संबंध में गुरुवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय और पाकिस्तान के गृह मंत्रालय के सचिव को तलब किया। 19 जुलाई 2024 को ईरान से कथित तौर पर उनका अपहरण कर लिया गया था। अपहरण के एक साल बाद भी उनका कोई अता-पता नहीं है। उच्च न्यायालय ने बंदी प्रत्यक्षीकरण की सुनवाई करते हुए दोनों को अगली तारीख में पेश होने का आदेश दिया।
द बलूचिस्तान पोस्ट की खबर के अनुसार, बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका वाहिद कंबर बलूच की ओर से अधिवक्ता हबीब ताहिर और शारी बलूच ने दायर की है। सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने पूर्व में पांच प्रतिवादियों को दिए गए नोटिसों की स्थिति के बारे में पूछताछ की। केवल दो जवाब प्रस्तुत किए गए, दोनों ही विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधियों की ओर से थे।
एक जवाब में संकेत दिया गया कि मंत्रालय ने तेहरान स्थित पाकिस्तान के दूतावास से संपर्क किया। दूतावास ने बताया कि ईरान-इजराइल संघर्ष के कारण स्थिति संवेदनशील बनी हुई है। फिर भी दूतावास ने कहा कि जल्द से जल्द एक आधिकारिक रिपोर्ट उपलब्ध कराने के प्रयास जारी हैं। विदेश मंत्रालय के दूसरे जवाब में कहा गया कि यह मामला उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।
वकील ने इस पर न्यायमूर्ति आमिर राणा से आग्रह किया कि वे संबंधित विभागों पर सख्त निर्देश जारी करें और उनकी बरामदगी सुनिश्चित करने और उनकी स्थिति के बारे में आधिकारिक बयान प्राप्त करने के लिए दबाव डालें। मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायमूर्ति राणा ने कहा कि न्यायालय “तदनुसार कार्यवाही करेगा।”
हालांकि, उच्च न्यायालय ने अधिकार क्षेत्र का मुद्दा भी उठाया और सवाल किया कि क्या वह विदेशी धरती पर हुए अपहरण से जुड़े मामले में फैसला सुना सकता है। जवाब में, वकील ने तर्क दिया कि वाहिद कंबर पाकिस्तान के नागरिक हैं और अपहरण चाहे कहीं भी हुआ हो, कार्रवाई करना राज्य के नाते पाकिस्तान और न्यायपालिका का कर्तव्य है, खासकर जब मौलिक संवैधानिक अधिकार दांव पर हों।
न्यायमूर्ति राणा ने वकील के तर्क से सहमत होते हुए गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के सचिव को अदालत में उपस्थित होने और अगली सुनवाई में एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान वकील ने यह भी आरोप लगाया कि उनके मुवक्किल के लापता होने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियां जिम्मेदार हो सकती हैं।