कच्छ, 13 अगस्त। गुजरात के सीमावर्ती जिलों के लिए 15 अगस्त 2025 एक ऐतिहासिक दिन साबित होने जा रहा है। केंद्र सरकार के जीवंत ग्राम कार्यक्रम (वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम) के तहत चुने गए 150 से अधिक ग्रामीण प्रतिनिधियों में से गुजरात के तीन सरपंचों को नई दिल्ली में आयोजित होने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोह में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। यह सम्मान उनके उत्कृष्ट नेतृत्व, ग्राम विकास में योगदान, महिला सशक्तिकरण और सीमा सुरक्षा में सक्रिय भूमिका का राष्ट्रीय स्तर पर मिला गौरव है।body{font-family:Arial,sans-serif;font-size:10pt;}.cf0{font-family:Nirmala UI,sans-serif;font-size:11pt;}

केंद्र सरकार की ओर से वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम-2 (वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम-2) के तहत गुजरात के जिन तीन सरपंचों को आमंत्रित किया गया है, उनमें कच्छ के रापर तालुका में बेहतर कार्य करने वाली सरहदी बालासर गांव की महिला सरपंच जमनीबेन रामभाई चौहान भी शामिल हैं। उनको स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होने के लिए विशेष अतिथि के रूप में दिल्ली आने का आमंत्रण मिला है। कच्छ के बॉर्डर क्षेत्र की एकमात्र महिला सरपंच अपने पति रामभाई चौहान के साथ विमान द्वारा दिल्ली जाएंगी।

सरपंच जमनीबेन चौहान 4 दिनों तक दिल्ली में ठहरेंगी। उनके लिए संपर्क अधिकारी (लायजन ऑफिसर) के रूप में जिला परियोजना अधिकारी जितेंद्र रावल की नियुक्ति गुजरात सरकार द्वारा की गई है और वे बालासर की सरपंच के साथ दिल्ली जाएंगे।

दरअसल, सरपंच जमनीबेन ने अपनी पंचायत में केंद्र सरकार की वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत बेहतर कार्य किया है।सीमा विकास कार्यक्रम (बॉर्डर डेवलपमेंट प्रोग्राम) के अंतर्गत अपनी पंचायत में उन्होंने सड़क, बिजली, पानी की आपूर्ति, मोबाइल कनेक्टिविटी जैसी बुनियादी संरचना का विकास करवाया है। गांवों की विशेष आवश्यकताओं के आधार पर गांव-विशिष्ट और सीमा-विशिष्ट योजनाएं लागू की गई हैं।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 5 अप्रैल 2025 को वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के दूसरे चरण को मंजूरी दी थी। केंद्र सरकार का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर अनुकूल माहौल सुनिश्चित करना है, साथ ही सीमा पार अपराधों को रोकना, सीमावर्ती क्षेत्रों की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करना, सीमावर्ती नागरिकों को राष्ट्र से जोड़ना और उन्हें “सीमा सुरक्षा बल की आंख और कान” के रूप में विकसित करना है। इसके अलावा युवाओं के लिए स्थानीय रोजगार और आजीविका के अवसर पैदा करना भी इस योजना का हिस्सा है