काठमांडू, 18 जून। माउट एवरेस्ट की चढ़ाई कर वापस लौट रहे हजारों पर्वतारोही अचानक मौसम खराब होने से रास्ते में फंसे हुए हैं। यह लोग एवरेस्ट बेस कैंप तक आ चुके हैं। बर्फीली हवाओं के बीच फंसे इन पर्वतारोहियों के पास मौसम खुलने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। खराब मौसम के कारण बेस कैंप से सबसे करीब लुक्ला एयरपोर्ट (तेनजिंग हिलेरी विमानस्थल) पिछले 10 दिन से बंद है।

नेपाल में मानसून प्रवेश कर चुका है। लगातार बारिश होने से मौसम बिगड़ गया है। इन पर्वतारोहियों में नेपाल के अलावा अन्य देशों के भी नागरिक भी शामिल हैं। लुक्ला के एयर ट्राफिक कंट्रोलर दिवेश दाहाल ने बताया है कि आठ जून से ही एक भी विमान ने उड़ान नहीं भरी है। मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक लुक्ला के मौसम में सुधार के कोई संकेत नहीं है।

एयरपोर्ट बंद होने के कारण लुक्ला के सारे होटल फुल हैं। सैकड़ों पर्यटकों को रूम नहीं मिल पाए हैं। ऐसे लोगों को स्थानीय प्रशासन ने होम स्टे सुविधा उपलब्ध कराई है।। लुक्ला से पर्यटकों को एवरेस्ट बेस कैंप होते हुए चोटी पर चढ़ाई कराने वाले सोनाम शेरपा ने बताया कि कुछ पर्यटकों को पास के ही सुर्के हेलीपैड तक पहुंचाया जा रहा है। सुर्के हेलीपैड के लिए लुक्ला से दो घंटे की कठिन पैदल यात्रा करनी पड़ रही है। यहां से एक हेलीकॉप्टर में एक बार में पांच लोगों को ही काठमांडू पहुंचाया जाता है। सुर्के से काठमांडू का हेलीकॉप्टर का किराया 3000 डॉलर है।

सोनाम शेरपा का कहना है कि दूसरा रास्ता सड़क मार्ग है। यह मार्ग कठिन है। लुक्ला से सड़कमार्ग जहां से जुड़ा है, वहां पहुंचने के लिए पर्वतारोहियों को करीब चार घंटे की पैदल यात्रा करनी पड़ रही है। कच्ची और उबड़ खाबड़ सड़क होने के कारण सिर्फ बोलेरो और सूमो जैसी गाड़ियां ही चल पा रही हैं। लुक्ला से 70 किलोमीटर दूर थामेडांडा है। थामेडांडा से काठमांडू की भाड़ा चार हजार रुपये प्रति व्यक्ति लिया जाता है।