उज्जैन, 23 अप्रैल। देशभर में आज राम भक्त पवनपुत्र हनुमानजी का जन्मोत्सव हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। सुबह से मंदिरों में भीड़ है। जगह-जगह सुंदरकांड का पाठ और धार्मिक आयोजन हो रहे हैं। यहां के विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के मंदिर में भी भस्म आरती के बाद भगवान महाकाल का हनुमानजी के स्वरूप में शृंगार किया गया।
परम्परा के मुताबिक, चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर तड़के चार बजे महाकालेश्वर मंदिर के पट खुलते ही गर्भगृह में स्थापित भगवान की प्रतिमाओं का पूजन किया। इसके बाद भगवान महाकाल का जल से अभिषेक किया गया। तत्पश्चात दूध, दही, घी, शहद, फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन किया। प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद भगवान महाकाल को चांदी का मुकुट, रुद्राक्ष और मुंडमाला धारण करवाई गई।
भस्म आरती में भगवान महाकाल को हनुमान स्वरूप में शृंगारित किया गया। भांग, मेवा और ड्रायफ्रूट से शृंगारित कर नवीन मुकुट और मुंडमाला पहनाई गई। शृंगार के बाद बाबा महाकाल के ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढांककर भस्म रमाई गई और भोग भी लगाया गया। महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल के दिव्य स्वरूप के दर्शन किए। लोगों ने नंदी महाराज का दर्शन कर उनके कान के समीप जाकर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने का आशीर्वाद मांगा। इस दौरान पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया।
गुजरात के सूरत की कंपनी एचएंडए इंटरप्राइजेज ने दो नग चांदी के चौरस भगवान महाकाल के लिए अर्पित किए। इनका कुल वजन 1068.500 ग्राम है। महाकालेश्वर मंदिर प्रबन्ध समिति की ओर से मूलचंद जूनवाल ने दानदाता को रसीद प्रदान कर उनका सम्मान किया।