नई दिल्ली, 30 मई । भ्रामक विज्ञापनों और दवा को लेकर गलत सूचना को संबोधित करने के लिए आयुष मंत्रालय ने शुक्रवार को सुरक्षा पोर्टल लॉन्च किया।

यह पोर्टल आयुष से संबंधित दवाओं के भ्रामक विज्ञापनों एवं गलत सूचनाओं पर निगरानी रखेगा।

आयुष मंत्रालय में शुक्रवार को आयोजित प्रेसवार्ता में आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव ने कहा कि आयुष सुरक्षा पोर्टल नागरिकों और पेशेवरों को सक्रिय भागीदार बनने के लिए सशक्त बना रहा है। यह पोर्टल भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ निगरानी तंत्र के रूप में कार्य करेगा और सुनिश्चित करेगा कि केवल विश्वसनीय उत्पाद ही लोगों तक पहुंचे। आयुष सुरक्षा पोर्टल राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरणों, राष्ट्रीय फार्मा को विजिलेंस केंद्रों और प्रमुख नियामक हितधारकों से डेटा एकीकृत करके, पोर्टल भ्रामक विज्ञापनों और प्रतिकूल दवा प्रतिक्रियाओं पर निगरानी, ​​व्यवस्थित विश्लेषण और समन्वित कार्रवाई की सुविधा प्रदान करता है।

आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि इस पोर्टल को जनता के लिए सुलभ बना दिया गया है ताकि कोई भी नागरिक सीधे पोर्टल के माध्यम से भ्रामक विज्ञापनों या एडीआर की रिपोर्ट कर सके। आयुष सुरक्षा पोर्टल को रिट याचिका (सिविल) संख्या में सुप्रीम कोर्ट के 30 जुलाई, 2024 के आदेश के अनुसार विकसित किया गया है, जिसमें कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापनों और प्रतिकूल दवा प्रतिक्रियाओं से संबंधित डेटा की निगरानी और प्रकाशन के लिए एक केंद्रीकृत डैशबोर्ड की आवश्यकता पर बल दिया था। कोर्ट ने भारत संघ को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरणों को शिकायतों की रिपोर्ट करने, अंतर-राज्यीय रेफरल साझा करने और की गई कार्रवाई की स्थिति को अपडेट करने की अनुमति देने के लिए ऐसी प्रणाली स्थापित की जाए। आयुष मंत्रालय ने जून 2025 की कोर्ट की समय सीमा से पहले ही निर्देश को पूरा कर लिया है।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय सिद्ध अनुसंधान परिषद (सीसीआरएस) के तकनीकी समर्थन से विकसित पोर्टल उपभोक्ताओं, स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों और नियामक प्राधिकरणों को भ्रामक विज्ञापनों की रिपोर्ट करने और निगरानी करने की अनुमति देता है।

उल्लेखनीय है कि आयुष मंत्रालय के सलाहकार डॉ. कौस्तुभ उपाध्याय की अध्यक्षता में 9 अप्रैल को सभी संबंधित संगठनों के नोडल अधिकारियों के लिए एक प्री-लॉन्च प्रशिक्षण सत्र सफलतापूर्वक आयोजित किया गया था। इस पोर्टल के लॉन्च के साथ आयुष मंत्रालय के पास अब रिपोर्ट किए गए मामलों का एक केंद्रीकृत और सुलभ डैशबोर्ड है, जो वास्तविक समय पर ट्रैकिंग, त्वरित नियामक कार्रवाई और विस्तृत डेटा विश्लेषण को सक्षम करता है। यह प्रणाली सुनिश्चित करती है कि नागरिकों के पास अपनी चिंताओं को व्यक्त करने के लिए सीधा चैनल हो, साथ ही उनकी रिपोर्ट पर की गई कार्रवाई की पारदर्शी व्यवस्था हो।

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