कोलकाता, 06 नवंबर। भाजपा नेता अर्जुन सिंह ने राज्य की सीआईडी के नोटिस को चुनौती देते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट में रक्षाकवच की मांग की है। बुधवार को अर्जुन ने अदालत में अपनी याचिका प्रस्तुत की, जिसमें उन्होंने सीआईडी की नोटिस को रद्द करने का आग्रह किया। न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष ने अर्जुन की याचिका स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई की अनुमति दी है। माना जा रहा है कि इस पर अगली सुनवाई सोमवार को हो सकती है।

सीआईडी ने अर्जुन को आगामी 12 नवंबर को भवानी भवन में पेश होने का निर्देश दिया है। यह मामला 2020 में भाटपाड़ा नगरपालिका में लगभग चार करोड़ रुपये के कथित भ्रष्टाचार से संबंधित है, जिसमें अर्जुन सिंह का नाम जोड़ा गया है। अर्जुन सिंह के वकील ने अदालत में कहा कि यह नोटिस बिना किसी ठोस कारण के भेजा गया है और इसके पीछे राजनीतिक कारण हैं।

अर्जुन सिंह का आरोप है कि उन्हें जानबूझकर चुनाव से एक दिन पहले तलब किया गया है ताकि उन्हें परेशान किया जा सके। उन्होंने कहा, “जब मैं तृणमूल में था तो ‘गुड बॉय’ था, लेकिन भाजपा में शामिल होते ही मैं इनके नजरों में ‘बैड बॉय’ बन गया।”

उल्लेखनीय है कि अर्जुन सिंह पहले भाटपाड़ा नगरपालिका के चेयरमैन और भाटपाड़ा-नैहाटी को-ऑपरेटिव बैंक के भी चेयरमैन रह चुके हैं। बैंक में लाखों रुपये के घोटाले का आरोप हैं। इसी मामले में सीआईडी ने उन्हें तलब किया है।

तृणमूल विधायक सोमनाथ श्याम का कहना है कि यह मामला 2020 में भाटपाड़ा-नैहाटी को-ऑपरेटिव बैंक में हुए वित्तीय घोटाले का है, जिसमें फर्जी वर्क ऑर्डर के जरिए बैंक से ऋण लिया गया था। यह ऋण अर्जुन के समर्थकों के नाम पर हुआ था। इस मामले में अर्जुन के भतीजे पप्पू सिंह को 2021 में गिरफ्तार किया गया था और उन्हें छह महीने की जेल भी हुई थी। सोमनाथ ने कहा, “अब अर्जुन सिंह की भी गिरफ्तारी हो सकती है।”