इंदौर, 3 सितंबर  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इंदौर-मनमाड़ रेलवे परियोजना की स्वीकृति मध्यप्रदेश के लिए ऐतिहासिक निर्णय है। मध्यप्रदेश देश के मध्य भाग में स्थित है। इसको देखते हुए यहां रेलवे के विकास की अपार संभावनाएं है। उन्होंने इस रेल परियोजना की स्वीकृत पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस रेलवे लाइन से मध्यप्रदेश के मालवा एवं निमाड़ अंचल के अनुसूचित जनजाति के लोगों का समुचित विकास होगा। यह परियोजना उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव का बड़ा माध्यम बनेगी। मध्यप्रदेश के अनुसूचित जनजाति के लोगों के जीवन में यह रेलवे लाइन एक नई शुरुआत करेगी। मालवा-निमाड़ क्षेत्र में रोजगार के साधन बढ़ेंगे। व्यापारिक, औद्योगिक, कृषि क्षेत्र का विकास होगा। इस क्षेत्र में लॉजिस्टिक हब बनाने की संभावनाएं बड़ी हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को इंदौर में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जहां से यह रेल लाइन जाएगी, वहां समान रूप से राज्य शासन द्वारा भी विकास के कार्य किए जाएंगे। इस क्षेत्र को इकोनामिक कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जाएगा। हम संकल्प लेकर यह कार्य शुरू कर रहे हैं। इस रेलवे लाइन के बन जाने से धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। चार ज्योतिर्लिंग आपस में एक दूसरे से जुड़ेंगे। अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों तक भी आवागमन का सहज साधन इस परियोजना के माध्यम से मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने विकसित भारत का जो संकल्प लिया है, उसमें देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना सबसे बड़ी प्राथमिकता है। पिछले दस सालों में देश में कनेक्टिविटी बेहतर होने से विकास और रोजगार तेजी से बड़ा है। मोदी सरकार ने रेलवे की कायापलट की है। देश अब बुलेट ट्रेन के संकल्प को साकार करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री के दूरगामी विजन का लाभ मध्यप्रदेश को हर क्षेत्र में मिला है। प्रदेश में रेलवे के विकास के लिए केंद्रीय कैबिनेट द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में इंदौर-मनमाड़ नई रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी दी गई है। यह रेल लाइन परियोजना मालवा-निमाड़ क्षेत्र के विकास के लिए प्रधानमंत्री मोदी की बड़ी सौगात है।

इस अवसर पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़कर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इंदौर-मनमाड़ रेल परियोजना के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, इंदौर सांसद शंकर लालवानी, सांसद बीडी शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे। रेल मंत्री वैष्णव ने बताया कि यह परियोजना प्रधानमंत्री के ‘पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ के तहत विकसित की गई है, जो हमारे देश के लॉजिस्टिक नेटवर्क को मजबूत करने और नई कनेक्टिविटी प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इंदौर-मनमाड़ नई रेल लाइन परियोजना की कुल लंबाई 309 किलोमीटर है, जो मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के महत्वपूर्ण जिलों को जोड़ेगी। परियोजना की कुल लागत 18,036.25 करोड़ रुपये है। यह परियोजना मध्य प्रदेश के प्रमुख जिलों जैसे इंदौर, धार, खरगोन, और बड़वानी को सीधे महाराष्ट्र के नासिक और धुले जिलों से जोड़ेगी, जिससे इन जिलों में आर्थिक और सामाजिक विकास को बल मिलेगा।

उन्होंने कहा कि यह परियोजना राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान करेगी, जिससे मध्य प्रदेश के प्रमुख जिलों का सर्वांगीण विकास संभव होगा। इस परियोजना के निर्माण के दौरान और इसके बाद रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, जिससे राज्य के युवाओं को लाभ मिलेगा। इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन से औद्योगिक और कृषि उत्पादों के परिवहन में तेजी आएगी, जिससे किसानों और उद्योगपतियों को बड़ा लाभ मिलेगा। नासिक और धुले जैसे जिलों के प्याज उत्पादक हब और इंदौर के औद्योगिक क्षेत्र को बेहतर कनेक्टिविटी प्राप्त होगी। इस नई रेल लाइन के माध्यम से उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग और नासिक के त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के बीच की दूरी में कमी आएगी, जिससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेलवे को नए युग में प्रवेश करने का अवसर मिल रहा है। हर साल 5,000 किलोमीटर से अधिक नए ट्रैक का निर्माण और 1.300 से अधिक स्टेशनों का पुनर्विकास हो रहा है, जो भारत के परिवहन ढांचे को और भी मजबूत बनाएगा। दरअसल, सोमवार को केंद्रीय कैबिनेट द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में इंदौर-मनमाड़ नई रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी दी गई है। यह परियोजना प्रधानमंत्री के ‘पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ के तहत विकसित की गई है, जो हमारे देश के लॉजिस्टिक नेटवर्क को मजबूत करने और नई कनेक्टिविटी प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस परियोजना से मध्यप्रदेश के चार जिलों (बड़वानी, खरगोन, धार और इंदौर) को नई रेल कनेक्टिविटी मिलेगी। लगभग 309 किलोमीटर की नई रेलवे लाइन से राज्य के जनजातीय क्षेत्रों में बेहतर परिवहन सुविधाएं मिलेंगी, जिससे स्थानीय विकास को गति मिलेगी।