कोलकाता, 29 अप्रैल ।पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित प्राइमरी शिक्षक भर्ती घोटाले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की चार्जशीट में नामजद भारतीय जनता पार्टी के नेता अरुण हाज़रा उर्फ ‘चिनु’ मंगलवार को अदालत में पेश हुए। आरोप है कि उन्होंने ‘कालीघाट के काकू’ के नाम से चर्चित सुजयकृष्ण भद्र को नौकरी बेचने के एवज में करोड़ों रुपये सौंपे।

सीबीआई ने अपनी अंतिम चार्जशीट में दावा किया है कि चिनु पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों में एजेंटों के ज़रिए प्राइमरी और एसएससी उम्मीदवारों से पैसे इकट्ठा करते थे। ये एजेंट चिनु के लिए काम करते थे और एकत्र की गई भारी-भरकम राशि अंततः सुजयकृष्ण भद्र को सौंपी जाती थी। जांच एजेंसी ने चार्जशीट में यह भी उल्लेख किया है कि चिनु ने कथित तौर पर कुल 78 करोड़ से अधिक की रकम जुटाई थी।

मंगलवार को चिनु ने कोलकाता के सिटी सेशन कोर्ट में पेश होकर सीबीआई अदालत के समक्ष हाजिरी दी। अदालत ने सीबीआई से स्पष्ट किया कि चिनु के विरुद्ध किस प्रकार के आरोप हैं। सीबीआई के वकील ने अदालत को बताया कि चिनु इस घोटाले में एक ‘मध्यस्थ’ की भूमिका में थे और उन्होंने नौकरी दिलाने के नाम पर बड़ी रकम वसूली थी।

हालांकि, चिनु के वकील ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल गंभीर रूप से बीमार हैं और चिकित्सकीय निगरानी में हैं। इससे पहले पिछले सप्ताह भी उन्हें पेश होना था, लेकिन बीमारी के कारण वह अदालत में उपस्थित नहीं हो सके थे। अदालत ने उस सुनवाई में उन्हें 29 अप्रैल को अनिवार्य रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया था।

इस मामले में चिनु की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि सीबीआई के अनुसार, वही विभिन्न जिलों में नेटवर्क बनाकर बड़े पैमाने पर पैसे इकट्ठा कर रहे थे और सीधे सुजयकृष्ण भद्र तक उसे पहुंचा रहे थे। अदालत ने अब मामले से जुड़ी केस डायरी और जांच अधिकारी की उपस्थिति भी मांगी है।