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कोलकाता, 12 नवम्बर । पश्चिम बंगाल में बहुचर्चित नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में लंबे समय तक जेल में रहने के बाद तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी अब अपनी छवि सुधारने में जुट गए हैं। केंद्रीय जांच एजेंसियों ने इस मामले में बार-बार उन्हें ‘मुख्य साज़िशकर्ता’ बताया था, जिससे पांच बार के विधायक की सामाजिक प्रतिष्ठा को गहरी ठेस पहूंची।

हालांकि, उनकी रिहाई के बाद अब कई लोगों के मन में सवाल उठने लगा है—क्या वाकई ‘प्रिय पार्थदा’ इस घोटाले के असली सूत्रधार हैं या इसके पीछे कोई और रहस्य छिपा है?

जेल से बाहर आने के बाद बुधवार को अपने बेहाला पश्चिम स्थित आवास में पत्रकारों से बातचीत के दौरान पार्थ चटर्जी ने कहा कि वे जल्द ही क्षेत्र के घर-घर जाकर जनता से संवाद करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं बेहला पश्चिम के लोगों को सब कुछ बताऊंगा। हर सवाल का जवाब दूंगा। मैं निर्दोष हूं और यह बात मैं जनता के सामने रखूंगा।

सूत्रों के अनुसार, पार्थ चटर्जी ने अपने विधानसभा क्षेत्र के नागरिकों को संबोधित करते हुए एक खुला पत्र भी जारी किया है, जिसमें उन्होंने स्वयं पर लगे सभी आरोपों को निराधार बताया है और कहा है कि सत्य सामने आकर रहेगा।

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि पार्थ की इस पहल से आगामी दिनों में राज्य की राजनीति में नए समीकरण देखने को मिल सकते हैं।