कोलकाता, 03 जून । पशु तस्करी मामले में दो साल तिहाड़ जेल में बिताने के बाद हाल ही में जमानत पर रिहा हुए तृणमूल कांग्रेस के बाहुबली नेता और बीरभूम के पूर्व जिलाध्यक्ष अणुव्रत मंडल एक बार फिर सीबीआई के निशाने पर हैं। एक आपत्तिजनक ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद उन पर न सिर्फ पुलिस ने मामला दर्ज किया है, बल्कि पार्टी नेतृत्व ने भी सार्वजनिक रूप से फटकार लगाई, जिसके बाद उन्हें माफी मांगनी पड़ी।

ऑडियो क्लिप में मंडल एक जिला पुलिस अधिकारी को धमकाते हुए सुने गए, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर अधिकारी की मां और पत्नी के साथ बलात्कार की धमकी दी थी। इस घटना ने न सिर्फ राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी, बल्कि सीबीआई की पशु तस्करी मामले की जांच भी एक बार फिर तेज कर दी है।

सूत्रों के अनुसार, सीबीआई अब उन गवाहों से संपर्क कर रही है जिन्होंने पहले मामले में बयान दिए थे, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं उन्हें भी अनुव्रत मंडल द्वारा धमकाया या बयान बदलने के लिए मजबूर तो नहीं किया गया। सीबीआई ने सभी गवाहों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि यदि उन्हें मंडल या उनके किसी करीबी की ओर से कोई धमकी या मध्यस्थता का प्रयास किया जाए, तो उसकी सूचना तुरंत एजेंसी को दें।

कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यदि किसी भी गवाह ने मंडल या उनके किसी प्रतिनिधि द्वारा धमकी या दखलंदाजी की शिकायत की, तो सीबीआई उनके खिलाफ नई एफआईआर दर्ज कर सकती है और उनकी जमानत रद्द कराने की भी अर्जी दे सकती है। दरअसल, अणुव्रत को मिली जमानत की शर्तों में यह स्पष्ट किया गया था कि वे किसी भी गवाह को प्रभावित नहीं करेंगे।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यदि इस दिशा में कोई नया घटनाक्रम सामने आता है तो अणुव्रत मंडल के लिए मुसीबतें और बढ़ सकती हैं, क्योंकि तृणमूल कांग्रेस पहले ही उन्हें लेकर दूरी बनाने के संकेत दे चुकी है।

उल्लेखनीय है कि 22 अगस्त, 2022 को सीबीआई ने उन्हें पशु तस्करी मामले में गिरफ्तार किया था। बाद में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी उन्हें हिरासत में लिया था। तिहाड़ जेल में दो साल से अधिक समय बिताने के बाद वे हाल ही में जमानत पर रिहा हुए हैं और बीरभूम ज़िले के बोलपुर स्थित अपने आवास लौटे हैं।