लंदन, 15 मई। भारत में बहुचर्चित बैंक घोटाले के आरोपित और आर्थिक भगोड़े नीरव मोदी को ब्रिटेन की अदालत से एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। लंदन के किंग्स बेंच डिवीजन के हाई कोर्ट ऑफ जस्टिस ने उसकी ताजा जमानत याचिका खारिज कर दी है। नीरव मोदी पिछले पांच वर्षों से लंदन की वांड्सवर्थ जेल में बंद है और भारत प्रत्यर्पण की प्रक्रिया का सामना कर रहा है।

नीरव मोदी ने अदालत से अनुरोध किया था कि भारत प्रत्यर्पण तक उसे जमानत पर रिहा किया जाए। याचिका में उसने दावा किया कि उसे भारत में जान का खतरा है, इसलिए वह ब्रिटेन से भागने की कोशिश नहीं करेगा। लेकिन अदालत ने यह तर्क खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि नीरव मोदी के “न्याय से भागने का पर्याप्त जोखिम” बना हुआ है और ऐसे में उसे रिहा नहीं किया जा सकता।

न्यायाधीश ने कहा कि नीरव मोदी जैसे प्रभावशाली और संसाधन-संपन्न व्यक्ति के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भाग निकलना कोई कठिन कार्य नहीं होगा। अदालत ने यह भी जोड़ा कि इससे पहले की जमानत याचिकाओं में दिए गए तर्कों में निरंतरता नहीं है, और बार-बार दोहराए गए दावों से भरोसा नहीं बनता।

भारत सरकार की ओर से पेश हुए वकीलों ने स्पष्ट किया कि नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण के लिए पर्याप्त कानूनी और राजनयिक प्रबंध किए गए हैं। साथ ही, यह भी आश्वासन दिया गया कि भारत में उसे निष्पक्ष और सुरक्षित कानूनी प्रक्रिया मिलेगी।

उल्लेखनीय है कि नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से जुड़े करीब 14,000 करोड़ रुपये के घोटाले का मुख्य आरोपित है। वर्ष 2018 में मामला सामने आने के बाद से ही वह फरार चल रहा था और मार्च 2019 में लंदन में गिरफ्तार किया गया था।