पनामा गेट मामले में नवाज शरीफ को अयोग्य ठहराया था
इस्लामाबाद, 12 जनवरी। पाकिस्तान में राजनीतिक संकट के बीच बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय के एक और वरिष्ठ न्यायाधीश ने इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया है। ज्ञात रहे कि एक दिन पहले बुधवार को एक न्यायाधीश ने इस्तीफा दिया था। उच्चतम न्यायालय के दूसरे वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति एजाज-उल-अहसन अगले मुख्य न्यायाधीश बनने की कतार में थे। अहसन ने पनामा गेट मामले में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को दोषी ठहराया था। एक दिन पहले, शीर्ष अदालत के एक और न्यायाधीश मजहर अली अकबर नकवी ने भी इस्तीफा दे दिया था।
राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने बृहस्पतिवार को न्यायमूर्ति नकवी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया था, जो कदाचार के आरोपों के संबंध में सर्वोच्च न्यायिक परिषद (एसजेसी) की जांच का सामना कर रहे हैं। न्यायमूर्ति अहसन भी पांच सदस्यीय एसजेसी का हिस्सा थे, लेकिन उन्होंने 22 नवंबर, 2023 को न्यायमूर्ति नकवी को नया कारण बताओ नोटिस जारी करने वाले परिषद के अन्य सदस्यों से खुद को अलग कर लिया था।
वह उस पांच सदस्यीय पीठ का भी हिस्सा थे जिसने 2017 में चर्चित पनामा पेपर मामले में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अयोग्य ठहराया था। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की सूचना सचिव मरियम औरंगजेब ने न्यायमूर्ति अहसन और नकवी के इस्तीफे पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, ‘क्या उन्हें लगता है कि सर्वोच्च न्यायालय से इस्तीफा देने के बाद वे उस अन्याय से मुक्त हो जाएंगे, जो उन्होंने किया है’ औरंगजेब ने आरोप लगाया कि दोनों न्यायाधीशों ने देश की जनता के साथ ‘अन्याय’ किया है। उन्होंने कहा कि यदि एक निर्वाचित प्रधानमंत्री जांच से गुजर सकता है, तो सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश समेत किसी भी व्यक्ति के लिए जवाबदेही का सामना करना उचित है।