कोलकाता, 13 सितंबर । राज्य सरकार द्वारा दिए जा रहे दुर्गा पूजा अनुदान को लौटाने का सिलसिला अब दक्षिणेश्वर के क्लबों तक पहुंच गया है। दक्षिणेश्वर विजय संघ ने राज्य सरकार के अनुदान को ठुकरा दिया है और इस निर्णय की जानकारी उन्होंने स्थानीय थाने को पत्र द्वारा दी है।

दक्षिणेश्वर विजय संघ की दुर्गा पूजा इस साल 23वें साल में प्रवेश कर रही है। पिछले दो वर्षों से क्लब ने राज्य सरकार द्वारा पूजा के लिए प्रदान किए गए अनुदान को स्वीकार किया था। हालांकि, इस वर्ष क्लब के आयोजकों ने आर.जी. कर की घटना के विरोध में अनुदान न लेने का फैसला किया है। इस बारे में पूजा आयोजक रनीता बनर्जी ने कहा, “क्लब की ओर से हमने सभी मिलकर यह निर्णय लिया है कि जब तक आर.जी. कर की पीड़िता को न्याय नहीं मिलता, तब तक हम इस अनुदान को स्वीकार नहीं करेंगे। पूजा होगी, लेकिन यह उत्सव नहीं होगा। हमारी पूजा बिना अनुदान के भी संपन्न हो जाएगी। हमने 23 साल तक अपने बल पर पूजा की है। पिछले दो सालों में ही हमें सरकारी सहायता मिली थी। इस बार भी हम वैसे ही पूजा करेंगे। हम अन्य पूजा समितियों से भी इसी प्रकार का अनुरोध करते हैं। यह कोई राजनीतिक मसला नहीं है। हमारी बहन की मौत हो गई है, पूरी दुनिया इसे देख रही है, और यह हमारे कोलकाता की शर्म है। कृपया कोई इसकी आलोचना न करे।”

पूजा के दूसरे आयोजक और क्लब के सदस्य, अनुप घोषाल ने कहा कि इस साल अनुदान की राशि बढ़ाई गई थी। अगर हमें सरकारी पैसा मिलता, तो हमारे लिए यह सुविधाजनक होता। हम विज्ञापनों के बिना अपने साधनों से पूजा करते हैं। उत्सव मनाएं या धार्मिक पूजा करें, यह निर्णय हमारा है। हमें कोई यह नहीं बता सकता कि हमें क्या करना चाहिए। हमारा मन अनुदान लेने के लिए तैयार नहीं है, और इसमें कोई राजनीतिक कारण नहीं है। अन्य सालों में इस समय तक हमारा पंडाल बनकर तैयार हो जाता था। आरजी कर की घटना बेहद दुर्लभ और क्रूर थी। जब तक हमें न्याय नहीं मिलेगा, हम उत्सव में हिस्सा नहीं लेंगे।

क्लब की ओर से दक्षिणेश्वर थाने को पत्र भेजकर सरकारी अनुदान न लेने का निर्णय सूचित किया गया। पुलिस ने इस पत्र को स्वीकार कर लिया है। इस वर्ष राज्य सरकार ने पूजा के अनुदान की राशि बढ़ाकर 85 हजार रुपये प्रति क्लब कर दी थी।

आर.जी. कर की घटना के बाद कई क्लबों ने अनुदान न लेने का फैसला किया है। हुगली, दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना, दार्जिलिंग सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों से क्लबों द्वारा अनुदान को लौटाने की खबरें सामने आ रही हैं। मुख्यमंत्री ने कुछ दिनों पहले कहा था कि जो क्लब अनुदान नहीं ले रहे हैं, उनकी राशि नए क्लबों को दे दी जाएगी।