एमएसएमई के लिए कारोबार की सीमाओं को क्रमशः 2.5 और 2 गुणा तक बढ़ाया
नई दिल्ली, 01 फरवरी । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट में सभी सूक्ष्म, लघु और मंझोले उद्यमों (एमएसएमई) के वर्गीकरण के लिए निवेश और कारोबार की सीमा बढ़ाने का ऐलान किया।
सीतारमण ने संसद में केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करते हुए कहा कि उच्च पैमाने की दक्षता, तकनीकी उन्नयन और पूंजी तक बेहतर पहुंच हासिल करने में मदद करने के लिए सभी एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए निवेश और कारोबार की सीमा को क्रमशः ‘‘2.5 और 2 गुना’’ तक बढ़ाया जाएगा। इससे उन्हें बढ़ने और युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने का आत्मविश्वास मिलेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि बजट घोषणाओं के अनुसार, 2.5 करोड़ रुपये तक के निवेश और 10 करोड़ रुपये से कम कारोबार वाली कोई भी कंपनी ‘सूक्ष्म’ के रूप में वर्गीकृत होगी। सीतारमण ने कहा कि 25 करोड़ रुपये तक के निवेश और 100 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली कंपनी को ‘लघु’ के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा और 125 करोड़ रुपये तक के निवेश और 500 करोड़ रुपये से कम कारोबार वाली फर्म को ‘मध्यम’ के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि फिलहाल एक करोड़ से ज्यादा पंजीकृत एमएसएमई, 7.5 करोड़ लोगों को रोजगार दे रहे हैं और हमारे विनिर्माण का 36 फीसदी उत्पादन कर रहे हैं, जो भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए एकजुट हैं। देश के कुल निर्यात में एमएसएमई का हिस्सा 45 फीसदी है। वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करते हुए कहा कि ऋण तक पहुंच में सुधार के लिए ऋण गारंटी कवर बढ़ाया जाएगा।
-सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए 5 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपए, जिससे अगले 5 वर्षों में 1.5 लाख करोड़ रुपए के अतिरिक्त ऋण उपलब्ध होंगे।
सूक्ष्म उद्यमों के लिए क्रेडिट कार्ड
सीतारमण ने कहा कि हम उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत सूक्ष्म उद्यमों के लिए 5 लाख रुपए की सीमा वाले विशेष अनुकूल क्रेडिट कार्ड शुरू करेंगे। उन्होंने बताया कि पहले वर्ष में 10 लाख कार्ड जारी किए जाएंगे।
नए उद्यमियों के लिए नई योजना
सीतारमण ने कहा कि महिलाओं, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के पांच लाख नए उद्यमियों के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी। इस योजना के तहत अगले 5 वर्षों के दौरान 2 करोड़ रुपये तक का सावधि ऋण उपलब्ध होगा। अपने भाषण में उन्होंने कहा, ‘‘इस योजना में सफल स्टैंड-अप इंडिया स्कीम से प्राप्त अनुभवों को शामिल किया जाएगा। उद्यमशीलता और प्रबंधकीय कौशलों के लिए ऑनलाइन क्षमता निर्माण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।’’