कोलकाता, 28 मई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी जनसभा को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने बगावती रुख अपनाने वाले राज्यसभा सांसद अनंत महाराज को आमंत्रण भेजा है। पार्टी की ओर से यह कोशिश उनकी नाराज़गी को कम करने और ग्रेटर कूचबिहार आंदोलन से जुड़ी दूरी को पाटने की एक पहल मानी जा रही है। हालांकि अनंत महाराज का रुख अब भी सख्त बना हुआ है।

अलिपुरद्वार लोकसभा सीट से भाजपा सांसद मनोज टिग्गा ने स्वयं फोन कर अनंत महाराज को जनसभा में आने का अनुरोध किया। इसके अलावा भाजपा के जिलाध्यक्ष ने भी उन्हें गुरुवार को अलिपुरद्वार के परेड ग्राउंड में होने वाली प्रधानमंत्री की रैली में शामिल होने का आग्रह किया है। बावजूद इसके, अनंत महाराज पार्टी नेतृत्व के रवैये से बेहद नाराज़ हैं।

राज्यसभा सांसद अनंत महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री की सभा के लिए मुझे फोन कर आमंत्रित किया गया है, लेकिन जिन्होंने फोन किया, वे मुझसे कनिष्ठ हैं। यह कोई उचित प्रोटोकॉल नहीं है। राज्य नेतृत्व की ओर से सीधे संवाद होना चाहिए था, जो नहीं हुआ। इसलिए मैं रैली में शामिल होने के बारे में सोच रहा हूं, लेकिन कार्यकर्ताओं को ले जाने का कोई सवाल नहीं उठता, क्योंकि इस संबंध में कोई चर्चा ही नहीं हुई है।

पार्टी की तैयारियों को लेकर भी अनंत महाराज के समर्थकों में असंतोष है। आरोप है कि प्रधानमंत्री की सभा को लेकर जिले में जो बैठकें हो रही हैं और जिन योजनाओं पर काम किया जा रहा है, उसमें भी अनंत महाराज को पूरी तरह अनभिज्ञ रखा गया है। उनके करीबी नेताओं का मानना है कि इससे यह स्पष्ट है कि पार्टी नेतृत्व और अनंत महाराज के बीच दूरी अब भी बनी हुई है।

इस पूरे मामले पर कूचबिहार जिला भाजपा अध्यक्ष अभिजीत बर्मन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राज्यसभा सांसद अनंत महाराज के संबंध में जो भी निर्णय लेना है, वह राज्य और केंद्रीय नेतृत्व करेंगे। इस पर टिप्पणी करने का अधिकार उन्हीं को है।