मुंबई, 21 जुलाई । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को पुणे में शरद पवार को देश में भ्रष्टाचार गिरोह का सरगना और उद्धव ठाकरे औरंगजेब फैंस क्लब का अध्यक्ष बताया है। उन्होंने कहा कि इन नेताओं से देश और महाराष्ट्र को कोई उम्मीद नहीं है। महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व में गरीब कल्याण की योजनाएं शुरू की गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के चार शहरों के विकास पर विशेष ध्यान दिया है। अमित शाह ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि आगामी चुनाव में राज्य की जनता भाजपा नीत एनडीए गठबंधन को ही सत्ता की बागडोर सौंपने वाली है।

अमित शाह पुणे में प्रदेश भाजपा की ओर से आयोजित अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शरद पवार केंद्र में दस साल कृषि मंत्री थे और उसी समय राज्य में भी उनकी सरकार थी। उस समय महाराष्ट्र को पूरे दस साल में सिर्फ 1 लाख 91 हजार करोड़ मिल सके थे, जबकि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्रित्व काल में महाराष्ट्र को दस साल में 10 लाख करोड़ से अधिक की धनराशि दी गई है। अमित शाह ने कहा कि सहकारिता से जुड़े प्रश्र का निराकरण शरद पवार नहीं कर सके थे, जबकि सहकारिता मंत्री बनने के बाद उन्होंने सिर्फ डेढ़ मिनट में प्रधानमंत्री से मिलकर निपटा दिए।

अमित शाह ने कहा कि शरद पवार भ्रष्टाचार का नाम लेकर सिर्फ भ्रांति फैलाते हैं, जबकि वे खुद भ्रष्टाचार गिरोह के सरगना हैं। उनकी सरपरस्ती में भ्रष्टाचार फला फूला है। अमित शाह ने कहा कि जब-जब महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार आती है, तो मराठा आरक्षण दिया जाता है। इसके बाद जब-जब शरद पवार की सरकार आती है, तो मराठा आरक्षण खत्म कर दिया जाता है। हमारी सरकार महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण दे रही है, अगर फिर से शरद पवार की सरकार आएगी तो मराठा आरक्षण खत्म कर दिया जाएगा।

अमित शाह ने उद्धव ठाकरे पर जोरदार निशाना साधते हुए कहा कि वे बालासाहेब ठाकरे के बेटे हैं, लेकिन उन्होंने बालासाहेब ठाकरे के सिद्धांतों को तिलांजलि दे दी है। उन्हें शर्म आनी चाहिए। अमित शाह ने कहा कि उद्धव ठाकरे अब औरंगजेब फैंस के नेता बन चुके हैं। वे देश और राज्य की सुरक्षा की बात करते हैं, लेकिन औरंगजेब फैंस का नेता देश को कभी सुरक्षित नहीं रख सकता, यह राज्य और देश की जनता जानती है।

अमित शाह ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि पिछले दस साल से उनकी पार्टी विपक्ष में है। राहुल बाबा तीसरी बार चुनाव में पार्टी को सफलता नहीं दिला सके। इस बार नेता प्रतिपक्ष बनने पर उनमें अहंकार भर आया है। उन्होंने चुनाव में खटाखट का नारा बुलंद किया, लेकिन देश ने उन्हें नकार दिया।