कोलकाता, 26 सितंबर। पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में सरकार गिरने के बाद अल्पसंख्यक हिंदुओं पर लगातार हमले जारी हैं। इस बीच पश्चिम बंगाल में होने वाली ऐतिहासिक दुर्गा पूजा के दौरान पंडालों पर हमले की आशंका को लेकर पूजा आयोजक बेहद चिंतित हैं। कोलकाता पुलिस भी इस मामले में पूरी तरह सतर्क हो गई है।
कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि बुधवार को आयोजित समन्वय बैठक में, कई पूजा समितियों ने कोलकाता पुलिस के सामने इस चिंता को उजागर किया कि कुछ तत्व पंडालों में गड़बड़ी फैला सकते हैं, जिससे त्योहार की गरिमा धूमिल हो सकती है।
यहां कोलकाता पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा मौजूद थे जिन्होंने पूजा समितियों को आश्वस्त किया है कि सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की जाएगी। अब खबर है कि इस बैठक के बाद पुलिस कमिश्नर ने सभी डिवीजन को विशेष तौर पर अलर्ट रहने को कहा है और अभी से ही सुरक्षा के खतरे को भांपते हुए आवश्यक व्यवस्था करने को कह दिया है। बैठक में सुरुचि संघ, चेतला अग्रणी जैसी प्रमुख पूजा समितियों के सदस्यों ने अपनी आशंका जाहिर करते हुए कहा कि कुछ समाजकंटक पूजा पंडालों में गड़बड़ी फैलाने की योजना बना रहे हैं। आयोजकों ने मांग की कि ऐसे तत्वों की पहचान कर उन्हें पंडाल में प्रवेश करने से रोका जाए।
पुलिस ने बताया कि तृतीया से ही पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किया जाएगा। इस बार सभी प्रतिमाओं का विसर्जन 15 अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा, क्योंकि 16 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजा है। इस बार कोलकाता पुलिस के अंतर्गत आने वाले बांगड़ डिवीजन में लगभग 136 पूजा पंडाल शामिल होंगे।
प्रत्येक पंडाल में कम से कम 200 लीटर पानी का रिजर्वर, बालू और बाल्टी रखने का निर्देश दिया गया है। साथ ही, पंडालों के पास की सड़कों और गलियों में की जाने वाली लाइटिंग को लेकर यह हिदायत दी गई है कि वह कम से कम 14 फीट ऊंचाई पर हो ताकि दमकल की गाड़ियां आसानी से पहुंच सकें।