डेहरी आन सोन ,16 नवम्बर ।पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने कहा है कि बदलते भारत की तस्वीर में महिलाओं एवं दबे कुचले समुदाय का शैक्षणिक विकास एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि हमें शिक्षा के साथ-साथ अपनी संस्कृति और माटी से भी कसकर जुड़े रहना चाहिए ताकि कितनी भी विषम स्थितियां क्यों ना हो हम मजबूती से उसका मुकाबला कर सकते हैं।

रोहतास जिले के जमुहार स्थित गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षान्त समारोह में आज मुख्य अतिथि पद से संबोधित करते हुए कोविन्द ने यहां अधिक संख्या में बेटियों के गोल्ड मेडल प्राप्त करने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह बढ़ते बिहार और विकसित होते भारत की निशानी है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने छात्रों का आह्वान किया कि आप केवल नौकरी पाने वाली शिक्षा ग्रहण न करें बल्कि अपने शिक्षा से दूसरों को नौकरी प्रदान करने की क्षमता रखने का संकल्प लें । उन्होंने कहा कि आज लोग कृषि और व्यवसाय को अच्छी दृष्टि से नहीं देखते हैं जो की उचित नहीं है। उन्होंने कई उदाहरण देते हुए कहा कि इंजीनियरिंग करने के बाद नौकरी छोड़कर लोग कृषि से अपनी आय को दुगनी कर रहे हैं और इस परिस्थिति में कई अन्य को रोजगार भी प्रदान कर रहे हैं।