कोलकाता, 28 सितंबर। कल्याणी जेएनएम मेडिकल कॉलेज में तृणमूल के चिकित्सक नेता अभीक दे के समर्थकों द्वारा फेस्ट के नाम पर छात्रों से लाखों रुपये वसूले जाने का आरोप लगा है। सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार तक करीब 19 लाख रुपये की वसूली का पता चला है। इनमें से लगभग नौ लाख 75 हजार रुपये दूसरे वर्ष के कुछ छात्रों ने कॉलेज प्रशासन को सौंप दिए हैं, जिसे फिलहाल पुलिस की हिरासत में रखा गया है। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि ये पैसा छात्रों को वापस किया जा सकता है।
पिछले कुछ सालों से इस मेडिकल कॉलेज में तृणमूल से संबंधित ‘स्टूडेंट वेलफेयर कमिटी’ और कुछ पूर्व छात्रों द्वारा धमकी देकर वसूली का आरोप लगता रहा है। छात्रों और यहां तक कि प्रोफेसर भी इनके खिलाफ बोलने का साहस नहीं जुटा पा रहे थे लेकिन आरजी कर कॉलेज की एक घटना के बाद स्थितियां बदल गईं, जिसके बाद कई छात्रों ने अभीक दे के अनुयायियों, शेख मोहम्मद अखिल, अलीम विश्वास और विचित्रकांति बाला के खिलाफ खुलकर शिकायतें दर्ज कराईं। इन शिकायतों के आधार पर 40 छात्रों को छह महीने के लिए कॉलेज और हॉस्टल से निष्कासित कर दिया गया है, जिनमें ये प्रमुख नाम भी शामिल हैं।
एंटी-रैगिंग कमिटी के सामने बयान देते हुए दूसरे वर्ष के एक छात्र ने भावुक होकर बताया कि कैसे उसे रात के बीच में जगाकर पीटा गया क्योंकि वह फेस्ट के लिए मांगे गए 2300 रुपये की जगह केवल 1000 रुपये ही दे सका था। उसने कहा, “मेरे माता-पिता का बचपन में ही निधन हो गया था। मेरी दादी बड़ी मुश्किलों से मुझे पढ़ा रही हैं।”
ऐसी कई शिकायतें मिलने के बाद एंटी-रैगिंग कमिटी ने आदेश दिया कि छात्रों से वसूला गया पैसा उन्हें लौटाया जाए। जेएनएम के सूत्रों के अनुसार, धमकी देने वाले इस गिरोह के कुछ जूनियर छात्र अभी भी हॉस्टल में हैं। हाल ही में दूसरे वर्ष के 5-6 छात्रों ने लगभग नौ लाख 75 हजार रुपये कॉलेज प्रशासन को सौंपे हैं। हालांकि, बाकी पैसे का अभी तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला है। छात्रों का दावा है कि इस पैसे का कुछ हिस्सा कलाकारों को अग्रिम भुगतान के रूप में दिया गया था।
‘स्टूडेंट वेलफेयर कमिटी’ के हाल ही में हटाए गए अध्यक्ष विचित्रकांति बाला से इस बारे में संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। इस पूरे मामले में हटाए गए प्रधानाचार्य अभिजीत मुखोपाध्याय का कहना है कि उन्हें इस साल किसी फेस्ट के होने की जानकारी नहीं थी और न ही किसी छात्र ने उन्हें पैसे की वसूली की जानकारी दी। वहीं, वर्तमान प्रधानाचार्य मणिदीप पाल ने इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।