
NEW YORK, USA - 01 MAY, 2020: Police officers performing his duties on the streets of Manhattan.
कोलकाता ,22 जून ।
इस्लामपुर से महेशतला की एक जीन्स फैक्ट्री में काम करने आया नाबालिग पर पहले मोबाइल चोरी का आरोप लगता है और फिर वह रहस्य में तरीके से लापता हो जाता है। घटना को तीन हफ्ते बीत चुके हैं, लेकिन जांच कर रही टीम को अब भी कोई सुराग नहीं मिल सका है।
आरोप है कि मोबाइल चोरी के आप को लेकर उसे लड़के को बिजली के झटके दिए गए थे। सवाल उठ रहा है कि बिजली का झटका दिए जाने के बाद क्या वह नाबालिग फैक्ट्री से भाग निकला था? नाबालिग के परिवार वालों ने रवींद्रनगर थाने पर गंभीर आरोप लगाए। इस्लामपुर में नाबालिग के चाचा लाल मोहम्मद ने बताया, “हम रवींद्रनगर थाने यह पूछने गए थे कि हमारा बेटा कब लौटेगा। वहां के थाना प्रभारी ने हमें धमकाया कि अगर मीडिया से बात की तो घसीटकर हवालात में डाल देंगे।” हालांकि, थाने में हाल ही में नियुक्त आईसी सुजन राय ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि”मैं कभी किसी से असंवैधानिक भाषा में बात नहीं करता। ये तो एक असहाय परिवार है, ऐसे में ऐसे आरोप लगाने का सवाल ही नहीं उठता।”
गौरतलब है कि घटना 29 मई की है, जब महेशतला की एक जीन्स रंगाई फैक्ट्री में मोबाइल चोरी के शक में इस्लामपुर के चौदह वर्षीय लड़के को उल्टा लटकाकर बिजली का झटका दिया गया था। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके बाद से लड़का लापता है।
जांच के दौरान पुलिस ने मुंबई से फैक्ट्री के मालिक शमशेर आलम उर्फ शहंशाह, अमीरुल मोहम्मद उर्फ आशिक और फिरोज आलम को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपितों ने पुलिस को बताया कि घटना के बाद लड़का फैक्ट्री से भाग गया था।
इसके बाद जिला पुलिस ने सीआईडी की मदद से जांच शुरू की। तीन टीमें बनाकर उन्हें दूसरे राज्यों में भेजा गया और जीआरपी की मदद से भी कई जगहों पर तलाशी ली गई।
पुलिस अधिकारीयों के अनुसार”पूछताछ में आरोपितों ने यह नहीं स्वीकार किया कि उन्होंने लड़के की हत्या की है। उल्टे, वे बार-बार इस बात पर जोर देते रहे कि लड़का किस रास्ते से भागा।”
हालांकि, घटनास्थल के आस-पास के सीसीटीवी फुटेज की जांच में लड़के के भागने के कोई सबूत नहीं मिले हैं। जांच अधिकारियों का मानना है कि अगर उसकी हत्या हुई होती तो अब तक कोई न कोई सुराग जरूर मिलता। परिवार से बातचीत में यह भी सामने आया कि फैक्ट्री मालिकों ने चोरी हुए मोबाइल की कीमत के रूप में नाबालिग के परिवार से दो लाख रुपये की मांग की थी। उसी के बाद से लड़के का कोई पता नहीं चल पाया है।