नया हथियार प्रणाली स्कूल सशस्त्र बलों के लिए भी बड़ी छलांग साबित होगा

 जमीन आधारित और हथियार प्रणालियों के संचालक एक छतरी के नीचे होंगे

नई दिल्ली, 02 जुलाई । हैदराबाद के एयर फोर्स स्टेशन बेगमपेट में वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने हथियार प्रणाली स्कूल (डब्ल्यूएसएस) का उद्घाटन किया। इसी के साथ भारतीय वायु सेना के इतिहास में एक नया अध्याय शुरू हुआ है। वायु सेना को भविष्य में आधुनिक बल के रूप में बदलने के उद्देश्य से यह नया प्रशिक्षण संस्थान सशस्त्र बलों के लिए भी बड़ी छलांग साबित होगा। वायु सेना प्रमुख ने 08 अक्टूबर, 2022 को वायु सेना दिवस परेड समारोह के दौरान इसके निर्माण की घोषणा की थी।

वायु सेना के मुताबिक यह हथियार प्रणाली स्कूल भारतीय वायुसेना की आवश्यकताओं के अनुरूप नवगठित शाखा के अधिकारियों को तैयार करेगा। डब्ल्यूएस शाखा के फ्लाइट कैडेट इस संस्थान में अपने दूसरे सेमेस्टर का प्रशिक्षण लेंगे। नई शाखा में चार स्ट्रीम होंगी, जिनमें सुखोई-30 एमकेआई और सी-130जे जैसे हवाई प्लेटफार्मों में हथियारों और प्रणालियों को संचालित करने के लिए फ्लाइंग स्ट्रीम, रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट को संचालित करने के लिए रिमोट स्ट्रीम होगी। इसके अलावा सतह से हवा और सतह से सतह पर हथियार प्रणालियों के लिए मिशन कमांडर और ऑपरेटर और अंतरिक्ष-आधारित खुफिया और इमेजरी को संभालने के लिए अलग इंटेलिजेंस स्ट्रीम होगी।

इस मौके पर बातचीत के दौरान वायु सेना प्रमुख ने इस बात पर प्रकाश डाला कि वायु सेना की इस नई शाखा के साथ जमीन आधारित और विशेषज्ञ हथियार प्रणालियों के संचालक एक छतरी के नीचे आ जाएंगे, जिससे भारतीय वायु सेना की युद्ध लड़ने की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। उन्होंने प्रशिक्षकों को प्रोत्साहित किया कि वे इस नवगठित शाखा के अग्रणी हैं, इसलिए उनकी परिकल्पित प्रशिक्षण व्यवस्था की पूरी इमारत मजबूती से खड़ी होगी और निर्णायक वायु शक्ति प्रदान करेगी।

स्कूल के संस्थापक सदस्यों की प्रशंसा करते हुए वायु सेना प्रमुख ने सभी कर्मियों से देश में हथियार प्रणालियों के प्रशिक्षण के लिए स्कूल को एक नोडल केंद्र के रूप में स्थापित करने का आग्रह किया। वायु सेना प्रमुख का स्वागत वेपन सिस्टम स्कूल के कमांडेंट एयर वाइस मार्शल प्रेमकुमार कृष्णस्वामी ने किया। उद्घाटन समारोह में एयर मार्शल नागेश कपूर, एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, प्रशिक्षण कमान और भारतीय वायुसेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे, जिनमें एयर फोर्स अकादमी के कमांडेंट, कॉलेज ऑफ एयर वारफेयर के कमांडेंट, एयर फोर्स स्टेशन हकीमपेट के एयर ऑफिसर कमांडिंग और एयरफोर्स स्टेशन बेगमपेट के स्टेशन कमांडर शामिल थे।