नई दिल्ली, 16 अप्रैल । अखिल भारतीय एम्स कर्मचारी संघ ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से वैवाहिक आधार पर स्थानांतरण नीति लागू करने का आग्रह किया है। इस संबंध में संघ के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा से मुलाकात कर उन्हें को ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में स्वास्थ्य मंत्रालय से एम्स और मंत्रालय के अधीन अन्य चिकित्सा संस्थानों के कर्मचारियों के लिए वैवाहिक आधार पर स्थानांतरण नीति लागू करने का आग्रह किया गया है।

संघ का तर्क है कि ऐसी नीति को न लागू होने से महिला कर्मचारियों के खिलाफ अप्रत्यक्ष भेदभाव होता है, जो सामाजिक अपेक्षाओं और पितृसत्तात्मक मानदंडों से असमान रूप से प्रभावित होती हैं। इसके परिणामस्वरूप, महिलाएं अपनी नौकरी छोड़ देती हैं या कार्यबल से बाहर हो जाती हैं, जो गैर-भेदभाव और समान अवसर के उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करती हैं।

इस ज्ञापन में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) द्वारा जारी कई कार्यालय ज्ञापनों का उल्लेख किया गया है, जिनमें 1986, 1997, 2004 और 2009 में जारी किए गए नियम शामिल हैं, जो पति और पत्नी को एक ही स्थान पर नियुक्त करने के महत्व पर जोर देते हैं, ताकि वे सामान्य जीवन जी सकें और अपने बच्चों की शिक्षा और कल्याण सुनिश्चित कर सकें।

संघ ने मंत्रालय से अनुरोध किया है कि वह ऐसे कानून और नीतियां बनाए, जो एम्स कर्मचारियों को एम्स और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत आने वाले अन्य चिकित्सा संस्थानों के बीच स्थानांतरित करने में सुविधा प्रदान करें, जिसमें उपरोक्त डीओपीटी के ज्ञापनों को ध्यान में रखा गया हो।

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