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कोलकाता 24 अगस्त। ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टैक्स प्रैक्टिशनर्स ने वित्त (नंबर 2) अधिनियम, 2024 के बाद धारा 148ए (बी) और 148 के तहत जारी किए जा रहे नोटिसों की बाढ़ राजस्व सचिव के ध्यान में लाई है।
एआईएफटीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नारायण जैन ने अपने प्रतिवेदन में सरकार से इस प्रवृत्ति पर रोक लगाने का आग्रह किया है। एआईएफटीपी की प्रत्यक्ष कर प्रतिनिधित्व समिति के अध्यक्ष एसएम सुराना ने शीघ्र अपील प्रभाव देने और बिना देरी के रेक्टिफ़िकेसन करने का भी आग्रह किया है। यदि धारा 153 के तहत दिए गए समय के भीतर अपील प्रभाव नहीं दिया जाता है, तो अधिकारी को इस कारण से जवाबदेह बनाया जाना चाहिए कि धारा 244ए(1ए) के तहत ब्याज दर 3% बढ़ जाएगी इस कारण से सरकार को वित्तीय नुकसान होगा। जैन ने यह भी बताया कि अपील प्रभावी होने पर भी रिफंड जारी करने में देरी होती है। इसके अलावा, वास्तविक रिफंड चेक या आरटीजीएस जारी करने की प्रणाली सीपीसी पर छोड़ दी गई है।
एआईएफटीपी ने वित्त मंत्री के बजट भाषण के पैरा 137 में बताए अनुसार अधिनियम को संक्षिप्त, स्पष्ट, पढ़ने और समझने में आसान बनाने के लिए आयकर अधिनियम की व्यापक समीक्षा करने की पहल की सराहना की है। एआईएफटीपी ने इसमें पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया है। जैन ने विवाद से विश्वास योजना, 2024 लाने की पहल का भी स्वागत किया।